इन्होंने भी रखी अपनी बात – टॉक शो के दौरान रीता चौदहा, एकता जैन, कविता पयासी, रमा साहू, रजनी सरावगी, श्वेता तिवारी, सीमा कनकने, नेहा जैन, मीना सुहाने, ममता सरावगी ने भी स्थानीय मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी।
कटनीPublished: Mar 16, 2019 12:11:56 pm
mukesh tiwari
लोकसभा चुनाव में शहर के मुद्दों को लेकर महिलाओं ने रखी अपनी बात
patrika Talk Show – Lok Sabha Elections 2019
कटनी. चाहे कटनी जबलपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रहा हो, चाहे खजुराहो का। यहां के जाम के नजारे आज तक नहीं बदले हैं और न ही छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए मेडीकल, इंजीयनियरिंग कॉलेज की ही स्थापना हो पाई है। यह कहना था पत्रिका के टॉक शो के दौरान शहर के जालपा वार्ड क्षेत्र की महिलाओं का। उनका कहना था कि यातायात, रोजगार और शिक्षा की व्यवस्था लोकसभा चुनाव को प्रमुख मुद्दा रहेगा और महिलाएं भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
इन्होंने ये कहा-
शहर की सबसे बड़ी जरूरत उच्च शिक्षा की व्यवस्था है। मेडीकल, इंजीयनिरिंग की पढ़ाई करने बच्चे बाहर जाते हैं और यह मुद्दा प्रमुख है। जिसका असर आने वाले चुनाव में रहेगा।
प्रीति डेंगरे, गृहणि
उच्च शिक्षा के संस्थान बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा एफएम की मांग प्रमुख रही है। महिलाएं घर में रहते हुए मनोरंजन के साथ ही महत्वपूर्ण जानकारी भी केन्द्र के माध्यम से पा सकेंगी।
नीरा सेठिया, गृहणि
स्वच्छता में शहर में इतना खर्च होने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। आज भी अव्यवस्था है और इसके लिए काम होना चाहिए ताकि स्वच्छता का असर दिखाई दे।
कांची खर्द, गृहणि
शहर के बच्चे 12वीं की पढ़ाई के बाद से ही माता-पिता से दूर हो जा रहे हैं। उच्च शिक्षा की व्यवस्था हो। ट्रैफिक और पार्किंग की व्यवस्था भी शहर का प्रमुख मुद्दा हमेशा से रहा है।
शिवाली जैन, गृहणि
कोई सरकार हो, जिले के युवाओं के लिए अच्छे एजुकेशन को महत्व दें। आवारा मवेशी शहर की समस्या हैं और यह मुद्दा स्थानीय से लेकर सांसद स्तर तक के चुनाव का मुद्दा रहा है।
प्रीति जगाती, गृहणि
कटनी में एजुकेशन के बाद भी युवाओं का कोई कैरियर नहीं है। रोजगार का कोई साधन नहीं है। पढ़ाई के बाद भी बच्चे पेरेंटस के साथ नहीं रहे हैं और यही यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है।
आभा कनकने, गृहणि
यातायात को सुधारने की बात कही जाती है लेकिन वर्षों से ब्रिज पूरा नहीं हो पा रहा है। जाम से लोग परेशान होते हैं। ब्रिज का काम पूरा कराते हुए अन्य सुधार भी होना चाहिए।
शीतल गुप्ता, गृहणि
हम पढ़ाई के लिए बच्चों को बाहर भेजते हैं, वहां तक ठीक है। जिले में कोई इंडस्ट्री या रोजगार नहीं है तो बच्चे पढ़ाई के बाद भी यहां नहीं आते। इसपर ध्यान देना जरूरी है।
अलका त्रिसोलिया, गृहणि