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व्यापारी पर ठोकी 6900 की पैनाल्टी, जारी किया नोटिस, इसलिए जारी हुए स्पेशल जांच के निर्देश

locationकटनीPublished: Dec 18, 2018 11:59:13 am

Submitted by:

balmeek pandey

कृषि उपज मंडी में किसान से सीधे अनाज खरीदे जाने का मामला

Penalty on merchant at negligence in krashi upaj mandi katni

Penalty on merchant at negligence in krashi upaj mandi katni

कटनी. शनिवार की देर शाम कृषि उपज मंडी में बगैर कागजी कार्रवाई व टैक्स चुकाए बिना वाहन ले जाए जाने के मामले में मंडी सचिव के तल्ख तेवर दिखे। उन्होंने पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद मामले को संज्ञान में लिया और नियम विरुद्ध तरीके से काम करने वाले व्यापारी पर पैनाल्टी की कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। अधिकारियों की टीम बनाकर स्पेशन जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार बरही क्षेत्र के ग्राम उबरा के कुछ किसान उपज बेचने मंडी पहुंचे थे। इस दौरान साईकृपा ट्रेडर्स के संचालक द्वारा मंडी के कुछ अधिकारियों, बिचौलियों से सांठगांठ कर किसानों से मंडी के बाहर ही धान खरीद लिया था। धान खरीदने के बाद उसे अपने ठिकाने पर पहुंचा रहे थे। तभी इसकी भनक मंडी के अधिकारी संजय कुमार मिश्रा, प्रेम कुमार मांझी सहित राकेश कुमार पनिका को लगी। अधिकारियों को बताया गया कि वाहन बिना दस्तावेज के निकल गए हैं। अधिकारियों ने तत्परता दिखाई और वाहनों का पीछा कर लमतरा फाटक पास से पकड़कर मंडी में रात 8 बजे खड़ा कराया। इस दौरान मंडी अध्यक्ष संतोष राय द्वारा कार्रवाई का विरोध किए जाने का भी मामला सामने आया था। मामला उजागर होने के बाद मंडी सचिव ने कार्रवाई की है। मंडी अधिकारी राकेश पनिका ने बताया कि उबरा के किसान धान बेचने मंडी आए थे। साईंकृपा ट्रेडर्स द्वारा 60 क्विंटल धान की खरीदी डायरेक्टर ली गई थी। इस पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। डायरेक्टर खरीदी पर 6900 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। व्यापारी को नोटिस भी जारी किया गया है। मंडी सचिव के निर्देश पर स्पेशन जांच शुरू की गई है।

नियम विरुद्ध की खरीदी
मंडी सचिव पीयूष शर्मा ने बताया कि व्यापारी ने नियम विरुद्ध तरीके से खरीदी की है। इस पर कार्रवाई की गई है। स्पेशन जांच कराई जा रही है। मंडी में रजिस्टर्ड व्यापारी किसान से सीधे खरीदी नहीं कर सकते। मंडी नियमों का पालन हर हाल में करना होगा। वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में अध्यक्ष संतोष राय बेवजह हस्ताक्षेप कर रहे थे। उनका कहना था कि अधिकारी किसानों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि कार्रवाई व्यापारी पर हुई है।


इस खबर का भी हुआ असर
कैंसिल हुए वैक्सीन भंडार के निर्माण का रास्ता साफ
कटनी. जिला चिकित्सालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन भंडार निर्माण की स्वीकृति दी थी। इसके लिए 43 लाख रुपए भी स्वीकृत हो गए थे। इसमें सर्वसुविधायुक्त वैक्सीन भंडार बनना था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कैंसिल हो गया था। इसकी मुख्य वजह है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जमीन की तलाश न कर पाना। लगभग दो साल तक सीएमएचओ और जिम्मेदार अधिकारी जमीन की तलाश करते रहे, प्रस्ताव बनाया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी और कलेक्टर केवीएस चौधरी ने इसे कैंसिल कर दिया था। वैक्सीन भंडार निर्माण में असुविधा और कैंसिल होने की समस्या को पत्रिका ने ‘उधारी के भवन में चल रहा वैक्सीन भंडारÓ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की और असुविधाओं को उजागर किया। इस संबंध में कलेक्टर का भी ध्यानाकृष्ट कराया गया कि यह भवन नगर निगम का है। वैक्सीन भंडार के लिए सर्वसुविधायुक्त स्थान भी नहीं है। इस पर कलेक्टर ने वास्तविक स्थिति का जायजा लिया और वैक्सीन भंडार की जरुरत होने पर स्वीकृति प्रदान करते हुए सीएमएओ डॉ. एसके निगम को कार्रवाई कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि मिशन चौक में बनने वाले अंडर ब्रिज, फ्लाइ ओवर व रेलवे के बनने वाले लंबे ब्रिज के लिए होने वाली जमीन के अधिग्रहण को लेकर संस्थाओं के अधिकारियों चर्चा कर चिकित्सालय परिसर की जमीन का चिन्हांकन कर जानकारी दी जाए।

ऐसे शुरू हुई थी कार्रवाई
जानकारी के अनुसार 2016-17 में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. अशोक चौदहा द्वारा स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, कि जिला अस्पताल परिसर में बना वैक्सीन भंडार मानक के अनुसार नहीं है और ना ही स्वास्थ्य विभाग का है। यह नगर निगम की बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। जगह भी पर्याप्त नहीं हैं। इस पर स्वास्थ विभाग ने तत्काल स्वीकृति प्रदान करते हुए वैक्सीन भंडार पर न सिर्फ मुहर लगा दी थी, बल्कि 43 लाख रुपए सर्व सुविधायुक्त वैक्सीन भंडार के लिए जारी कर दिए। वैक्सीन भंडार निर्माण के लिए जनवरी माह में वर्क ऑर्डर भी हो गया था। निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी, लेकिन इसके बाद खटाई में पड़ गया था। उल्लेखनीय है कि वैक्सीन भंडार यदि मानक के अनुसार नहीं होगा तो टीके भी असुरक्षित रहेंगे। वैक्सीन भंडार में डीबीएस रूम, जनरेटर रूम, ऑफिस रूम सहित अन्य 3-4 रूम बनना है।

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