क्रेशर खदान से बंजर हुई जमीन, मजबूरी में बेची, आठ साल से राशन कार्ड के लिए परेशान
सचिव, पटवारी सहित जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, ग्राम पंचायत मझगवां फाटक का मामला

कटनी. शहर से चंद किलोमीटर दूर कटनी जनपद क्षेत्र अंतर्गत पंचायत मझगवां फाटक निवासी एक अधेड़ खासा परेशान है। लॉकडाउन के बाद काम न मिलने व खेती न होने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई है। हैरानी की बात तो यह है कि अधेड़ पिछले कई साल से बीपीएल कार्ड बनाए जाने की मांग कर रहा है, लेकिन पंचायत व पटवारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। ग्राम मझगवां फाटक निवासी बिहारीलाल पटेल (56) ने बताया कि वह 40 वर्ष से गांव में रहकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। इसके पहले वह बरही क्षेत्र के बिस्तरा गांव में रहता था। वहां पर खदान के कारण जमीन बंजर हो गई थी। ढाई एकड़ जमीन थी। 2 हजार रुपये प्रति एकड़ मजबूरी में बेचनी पड़ी ओर फिर 81 में कटनी के मझगवां फाटक में आकर बस गया।
बिहारी ने बताया कि मझगवां में साढ़े पांच एकड़ जमीन खरीदी। खेती करना शुरू किया, जिससे कुछ घर की माली हालत सुधरी। लेकिन 10 साल पहले नर्मदा नहर में साढ़े तीन एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली गई। 85 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा भी मिला था, लेकिन धीरे-धीरे वह खत्म हो गया। जमीन भी नहीं बची। मात्र पौन एकड़ जमीन बची है। बिहारी ने बताया कि उसके पांच बेटी और एक बेटा है। तीन बेटियों का विवाह हो गया है। दो बेटियों और एक बेटा के साथ रहा है। सचिव विनोद नायक, पटवारी चंद्रशेखर कोरी से कई बार कार्ड बनाए जाने मांग की। पटवारी के पास तीन बार फार्म भरा, लेकिन वह तहसील कार्यालय तक भेजा ही नहीं जाता, सुनवाई नहीं हो रही। लॉकडाउन के बाद से स्थिति बेहद खराब है।
आवास योजना का भी नहीं मिला लाभ
बिहारीलाल ने बताया कि गांव में कई अमीर लोग हैं, उनके अभी भी बीपीएल सूची में नाम हैं, लेकिन पात्रों के कार्ड नहीं बन रहे। पीएम आवास योजना का लाभ भी पंचायत द्वारा नहीं दिया जा रहा। पीडि़त ने बताया कि वह कई बार जनसुनवाई में भी समस्या बता चुका है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
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