आपसी खींचतान में उलझे आशियाने
बता दें कि इस काम को देखने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी नगर निगम में इजिस काम कर रही है। कई दिनों से ठेकेदार के भुगतान संबंधी फाइल को एजेंसी द्वारा रोका गया। नगर निगम के इंजीनियर, आयुक्त ने भी मामले को लटकाए रखा। पहले जमीन आवंटन की प्रक्रिया के चलते आवास निर्माण में देरी हुई और बाद में भुगतान न होने को लेकर लेटलतीफी जारी रही। अभी भी आवास निर्माण की प्रक्रिया ठंडे बस्त में है।
खास-खास:
– झिंझरी में 792 इडब्ल्यूएस, 384 एलआइजी, 336 एमआइज के बन रहे भवन, एक भी नहीं हो पाया पूर्ण।
– एमआइसी से 8 माह के लिए बढ़ी थी मियाद, इसके बाद भी ठेकेदार नहीं कर पाया पीएम आवास निर्माण का काम।
– 7900 वर्गमीटर कॉमर्शियल भूमि बेचकर नगर निगम को जुटाना था निर्माण के लिए राशि, यह फाइल भी भोपाल में अटकी।
– 2 लाख में इडब्ल्यू, साढ़े 16 लाख में एलआइजी, सवा 20 लाख में एमआइजी फ्लैट का नगर निगम करेगी विक्रय।
इनका कहना है
मैं कुछ दिनों के लिए अवकाश पर आ गया हूं। पूरा चार्ज जागेंद्र सिंह को सौंप दिया हूं। ठेकेदार का भुगतान रुका है, इसलिए काम बंद है। वे ही बता पाएंगे कि क्या स्थित है। क्यों नहीं निर्माण चल रहा है।
एचके त्रिपाठी, नोडल अधिकारी पीएम आवास झिंझरी।
झिंझरी पीएम आवास के नोडल अधिकारी एचके त्रिपाठी हैं वहीं बता पाएंगे क्या स्थिति है। हालांकि वे छुट्टी पर चले गए हैं। 10-15 लेबर शायद काम कर रही है। अब कुछ दिन में आएगी प्रगति।
जागेंद्र सिंह, सहायक यंत्री, नगर निगम।
सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा की जा रही है। झिंझरी में पीएम आवास निर्माण की गति धीमी क्यों है, ठेकेदार द्वारा काम क्यों नहीं किया जा रहा इसको दिखवाया जाएगा। शीघ्र कार्य पूर्ण कराकर आवंटन की प्रक्रिया होगी।
अशफाक परवेज कुरैशी, प्रभारी आयुक्त नगर निगम।