मंगलवार सुबह 10 बजे तक हवा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) वैल्यू 285 के साथ प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण वाले पांच शहरों में कटनी पहले स्थान पर रहा। इस समय प्रदेश के अन्य शहर जबलपुर में 176, भोपाल में 118, इंदौर 108 व देवास में 94 दर्ज की गई। हवा में प्रदूषण स्तर ज्यादा होने के बाद प्रदूषण मुक्त शहर का सपना दिखाने वाले जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं।
कटनी मेंं पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: सुबह 10 बजे 286, 262 दोपहर 3 बजे 275, 260 शाम 5 बजे 269 व 259 रहा। 5 नवंबर को पूरे दिन प्रदूषण की इस मात्रा से नागरिक बेहाल रहे। बताया जा रहा है कि ऐसी स्थितियां वाहनों की बढ़ती संख्या, हवा में धूल के कणों की बढ़ती मात्रा के कारण निर्मित होती है। हवा में दोनों का सामान्य लेवल क्रमश: 60 और 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
हवा में पाई जाने वाली पार्टीकुलर मेटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 के कण बेहद छोटे होते हैं। इन्हे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है। सांस लेने पर ये कण फेफड़े पर पहुंचकर खांसी और अस्थमा जैसी बीमारी का कारण बनते हैं। दोनों ही तत्वों की मात्रा अधिक होने से हाइ बीपी, दिल का दौरा, स्ट्रोक सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हवा में इन कणों का स्तर बढऩे से बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। सांस लेने में तकलीफ होती है।
शहर में लगातार बढ़ रहे हवा प्रदूषण के बाद नगर निगम के जिम्मेंदार बेपरवाह बने हुए हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कटनी की हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा सामान्य से अधिक होने और सड़कों पर पानी का छिड़काव की जानकारी आयुक्त को दी गई है। जानकर ताज्जुब होगा कि नगर निगम के अधिकारियों को इस बात की जानकारी होने के बाद हवा में हानिकारक कणों को कम करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
प्रदूषण मामलो के जानकार शासकीय तिलक कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ. नेहा जैन बताती हैं कि पीएम 2.5 और पीएम 10 माइक्रान से होने के कारण सांस के माध्यम से नुकसान पहुंचाते हैं। हृदय गति को अवरोधित करते हैं। ये हानिकारक कण इनडोर एक्टिविटी जैसे लकड़ी व केरोसीन का चूल्हा, सिगरेट और आउटडोर एक्टिविटी जैसे पेट्रोलियम ऑटोमोबाइल, कोयला जलाने और भवन निर्माण से उत्पन्न होते हैं।
शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी एचके तिवारी बताते हैं कि कटनी की हवा में हानिकारक तत्वों की मात्रा बढ़ रही है। नगर निगम के साथ मिलकर समस्या के निदान का हल निकाला जा रहा है।