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गूगल ने बताए थे आइपी एडे्रस, फिर भी पुलिस नहीं पता लगा पाई कैसे डिलीट हो गया था मेल

locationकटनीPublished: Feb 24, 2020 09:43:12 am

Submitted by:

dharmendra pandey

-विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान तत्कालीन कलेक्टर की मेल आइडी से डिलीट हुए थे डाटा, दर्ज कराई थी माधवनगर थाना में रिपोर्ट
-डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया मामले का खुलासा
 

raipur

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कटनी. साल 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कलेक्टर केवीएस चौधरी की इ-मेल आइडी से छेड़छाड़ कर डिलीट हुए डाटा के मामले का पुलिस अब तक खुलासा नहीं कर पाई है। मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया है। जबकि घटना को हुए डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया है। उल्लेखनीय है कि जिले के तत्कालीन कलेक्टर केवीएस चौधरी की आइडी से 16 से 23 अक्टूबर 2018 के बीच में कई महत्वपूर्ण मेल डिलीट हो गए थे। इस बात की जानकारी जब कलेक्टर को लगी उन्होंने अपर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों व अधीनस्त स्टॉफ से जानकारी ली। मेल डिलीट होने के स्थाई कारण और डिलीट करने वाले कर्मचारी का पता नहीं लगने के बाद कलेक्टर ने माधवनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। पूर्व डीएसपी मनमोहन सिंह बघेल के नेतृत्व में जांच चल रही थी।

आवक-जावक से पता चला की 10 कम्प्यूटर में उपयोग रहीं थी आइडी
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद माधवनगर पुलिस ने जांच शुरू की। जिसमें पता चला की कलेक्टर की आइडी कलेक्ट्रेट में आवक-जावक के अलावा अधिकारियों के मोबाइल, लेपटॉप, डेस्कटॉप सहित अलग-अलग कर्मचारियों के दस कम्प्यूटर में उपयोग हो रही थी। मामले की जांच के लिए साइबर सेल की मदद ली गई, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद दस कम्प्यूटर का पता लगाने के लिए पुलिस ने गूगल को पत्र लिखा था। गूगल ने पुलिस को उन दस कम्प्यूटर के आइपी एड्रेस की जानकारी दी थी, जिस कम्प्यूटर में आइडी खुली थी। इसके बाद अब पुलिस ने गूगल से उस कम्प्यूटर की जानकारी मांगी थी जिस कम्प्यूटर से मेल डिलीट हुए थे। इसके बाद से मामला फाइलों में दबकर रह गया।

-तत्कालीन कलेक्टर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच चल रही है।
संजय दुबे, थाना प्रभारी, माधवनगर।

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