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ऐसे काम करेगा पोर्टल
चोरी गए वाहन की शिकायत पोर्टल में अपलोड़ की जाएगी। इसमें जिले के पुलिस विभाग के सारे वरिष्ठ अधिकारियों का नंबर रहेगा। ऑटो मैटिक नंबर प्लेट रीडर, सीसीटीएन और आरटीओ से जुड़ा होने की वजह से वाहन का नंबर सभी जिले के अधिकारियों के पास पहुंचेेगा। इसके अलावा रिपोर्ट पोर्टल में अपलोड होने के कारण वाहन सीसीटीवी कैमरे की रेंज में आएगा और वह दूसरे जिले में चल रहा है तो उस जिले के पुलिस संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर पर मैसेज आ जाएगा।
अभी मौखिक रूप से सूचना देती है पुलिस
चोरी के वाहन का पता लगाने के लिए पुलिस के पास कोई विशेष तकनीक नही हैं। पुलिस वाहन चोरी होने पर आसपास के जिलों के थानों को मौखिक रूप से सूचना भेजती है। इसमें समय अधिक लगने के कारण अपराधी वाहन लेकर फरार हो चुके हैं। नई तकनीक से समय की बचत होगी और वाहन चोर पकडऩे में भी आसानी होगी।
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पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
मप्र पुलिस दूर संचार मुख्यालय द्वारा तैयार किए गए पोर्टल को चलाने के लिए जिले के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जिले से तीन पुलिसकर्मियों को भोपाल में प्रशिक्षित किया गया है। इसमें उपनिरीक्षक रेडियो पवन सिंह, उपनिरीक्षक नेहा मौर्य व उपनिरीक्षक अनिल काकड़े शामिल हैं। प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे ये पुलिसकर्मी अब यहां पर प्रशिक्षण देंगे।
-चोरी हुए वाहन का पता लगाने के लिए पुलिस के दूर संचार मुख्यालय द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है। जिले में जल्द ही पोर्टल काम करना शुरू कर देगा। इसके लिए पुलिसकर्मियों को बकायदा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ललित शाक्यवार, एसपी।