भाजपा नेताओं को चुनिंदा निर्माण की चिंता, 25 हजार नागरिकों की नहीं
शहर के मुख्य मार्गों में अवैध अतिक्रमण के कारण आए दिन लगने वाले जाम से परेशान नागरिकों की समस्या पर हाईकोई मेें समाजसेवी राजेश नायक सौरभ याचिका भी लगा चुके हैं। जिस पर हाइकोर्ट ने मिशन चौक से बरगवां-पीरबाबा, बस स्टैंड-चाका मार्ग, सुभाष चौक-स्टेशन रोड, चांडक चौक-जुहला एवं मिशन चौक से कटनी साउथ तक यातायात के दबाव के हिसाब से सडक़ों के चौड़ीकरण का फैसला सुनाया था। राजेश नायक सौरभ बताते हैं इसमें चांडक चौक से गर्ग चौराहा तक सडक़ चौड़ीकरण नहीं हुआ। कुछ भाजपा नेताओं को चिन्हित अतिक्रमण हटने से भाजपा कार्यकर्ताओं के नाराज हो जाने की चिंता है, उन्हें शहर के 25 हजार से ज्यादा लोगों के प्रतिदिन की परेशानी से सरोकार नहीं है।
निर्देश तक सीमित कवायद
-चांडक़ चौक से गर्ग चौराहा के बीच सडक़ चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले चिन्हित निर्माण हटाने के लिए तीन साल पहले तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले की निर्देश प्रक्रिया चली और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
-फरवरी 2020 में चिन्हित निर्माण हटाने और सडक़ चौड़ीकरण के लिए स्थान खाली करने के लिए फिर से कवायद चली और तब भी प्रक्रिया निर्देश तक ही सीमित रह गई।
-चांडक चौक से जोहिला तक सडक़ चौड़ीकरण परियोजना को दो चरण में बांट दिया गया। पहले चरण में चांडक चौक से गर्ग चौराहा और दूसरे चरण में गर्ग चौराहा से जोहिला तक किया गया।
-ठेकेदार ने गर्ग चौराहा से जोहिला तक सडक़ चौड़ीकरण का काम कर दिया, लेकिन चांडक चौक से गर्ग चौराहा तक चौड़ीकरण के लिए स्थान नहीं मिलने के कारण अब राशि सरेंडर करने की तैयारी में है।
चांडक चौक से जोहिला तक दो चरण में सडक़ चौड़ीकरण के पहले चरण में गर्ग चौराहा तक स्थान सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियर से बात करते हैं। ठेकेदार द्वारा राशि सरेंडर किए जाने की जानकारी नहीं है।
सत्येंद्र धाकरे, आयुक्त नगर निगम