रइस बनने डाकघर चेंबर से खाली कर दी रकम
प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि आरोपी ने समायोजन के खेल से डाकघर के चेंबर से रकम खाली कर दी। फर्जीवाड़े से मिली रकम का बड़ा हिस्सा जल्दी ज्यादा पैसा कमाने और रइस बनने की लालच में शेयर मार्केट में लगा दिया। गबन की बड़ी राशि को ऐशोआराम की जिंदगी जीने में खर्च किया। घोटाला पकड़े जाने के बाद आरोपी को पिछले वर्ष 17 दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था। धोखाधड़ी और गबन के मामले में सीबीआई ने आरोपी खजांची के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
ये थी जिम्मेदारी
-कटनी प्रधान डाकघर लेखांतर्गत उप डाकघरों को नकदी भेजना और प्राप्त करना।
-कटनी प्रधान डाकघर लेखांतर्गत शाखा डाकघरों को नकदी भेजना और प्राप्त करना।
-पोस्टमैनों के साथ नकदी लेन-देन।
-डाक टिकट और डाकस्टेशनरी के स्टॉक का रख-रखाव करना।
नोट: प्रधान डाकघर में पदस्थ रहने के दौरान अख्तर को दिए गए कार्य।
234 एंट्री में हेरफेर से 1 करोड़ 73 लाख 70 हजार रुपए
आरोपी एसएपी सॉफ्टवेयर मॉड्यूल में सभी कार्य करता था। इसके माध्यम से टी-सीओडीइजेडएफएफवी50 का उपयोग करते हुए नकदी भेजा जाता है। आरोपी नकदी भेजने के बाद उसी तारीख को संबंधित शाखा डाकघर से प्राप्त दिखाकर टी-सीओडीइएफबी01 का उपयोग करते हुए उसी शाखा के डाकघर के प्रॉफिट सेंटर के पीओएसबी भुगतान के जीएल में भेजी गई रकम का भुगतान दर्शा कर समायोजन दिखा देता था।
14 एंट्री में हेरफेर से 18 लाख 55 हजार रुपए
आरोपी कटनी प्रधान डाकघर के प्रॉफिट सेंटर स्थित डीओपी कैश से शाखा डाकघर के प्रॉफिट सेंटर में नकदी भेजना बताता। और उसी दिन संबंधित शाखा डाकघर के प्रॉफिट सेंटर में टी-सीओडीइएफबी01 के माध्यम से स्वयं के यूजर आईडी क्रमांक 10087826 का उपयोग का सीधे एसबी निकासी के जीएल में रकम पोस्ट कर देता था।
6 एंट्री में हेरफेर से 27 लाख 50 हजार रुपए
आरोपी विभिन्न तारीखों में कटनी प्रधान डाकघर से एसएपी सॉफ्टवेयर के माध्यम से डीओपी कैश से कर आहरित करता था। उसी दिन पीओएस बैक आफिस कैश से पीओएसबी भुगतान कर समायोजन दर्शा देता था।