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शहर से लेकर गांव तक कभी भी गोल हो जा रही बिजली, रात की उड़ रही नीद, दिन के प्रभावित हो रहे कामकाज

locationकटनीPublished: Sep 03, 2021 11:17:13 pm

Submitted by:

balmeek pandey

उत्पादन में कमी से लडखड़़ा रही जिले की विद्युत आपूर्ति, जिले में हर दिन चाहिये है 49 मेगावाट बिजली, लगभग 8 घंटे की कटौती का दबाव, चोरी और अवैध कनेक्शनों से भी बिगड़ रही व्यवस्था

शहर से लेकर गांव तक कभी भी गोल हो जा रही बिजली, रात की उड़ रही नीद, दिन के प्रभावित हो रहे कामकाज

शहर से लेकर गांव तक कभी भी गोल हो जा रही बिजली, रात की उड़ रही नीद, दिन के प्रभावित हो रहे कामकाज

कटनी. बारिश न होने और कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पाद प्रभावित होना बताया जा रहा है। इसका असर कटनी जिले में भी साफ दिखने लगा है। अब हर दिन 24 घंटे में अलग-अलग ग्रुप में 24 घंटे वाली बिजली में 8 घंटे की कटौती होना शुरू हो गई है। अब शहर हो या गांव किसी भी समय बिजली बंद हो जाएगा। ऊपर से सप्लाई के अनुसार अब कभी भी शहर में लोड शेडिंग कभी भी ऑन-ऑफ हो जाएगा। इसके लिए अभी कोई कटौती समय घोषित नहीं किया गया।
बता दें कि कटनी में जिले में 49 मेगावाट बिजली की 24 घंटे में आवश्यकता होती है। लोड शेड्यूलिंग में रिलीफ को लेकर हर कवायद शुरू कर दी गई है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अकेले 28 अगस्त को जिले में 19 मेगावॉट की का रिलीफ विभाग ने 7 घंटे 47 मिनट की कटौती से लिया है। इसमें विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पॉवर कंपनियों में बिजली उत्पाद प्रभावित हुआ है, वहीं से शेड्यूलिंग बिगड़ी है तो फिर हम कुछ नहीं कर सकते।

कटौती से परेशान लोग
बता दें कि जिले में भी बारिश नहीं हो रही। ऐसे में किसानों के सामने फसल बचाना गंभीर चुनौती हो गई है। कटौती होने से सिंचाई प्रभावित हो रही है और धान की फसल सूखने की कगार पर है। जिले में मांग और सप्लाई के अनुसार कटौती चल रही है। ऐसे में लोगों के कामकाज खासे प्रभावित होना शुरू हो गए हैं। बता दें कि बुधवार रात कैलावारा खुर्द में बिजली बंद होने से रातभर लोग परेशान रहे। शहरी क्षेत्र में भी लखेरा, सिविल लाइन, आजाद चौक, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में लोग बिजली बंद होने से परेशान हुए।

ऐसे समझें कटौती का गणित
बता दें कि 28 अगस्त को जिले में रात 12 बजकर 5 मिनट में बिजली बंद हुई जो 2 बजकर 5 मिनट में चालू हुई। इसमें 13.8 मेगावाट का रिलीफ मिला। इसके अलावा 4 बजकर 5 मिनट से लेकर 6 बजकर 5 मिनट में दो घंटे में 12.6 मेगावॉट की रिलीफ मिला। साथ ही 8.5 से लेकर 10.5 तक में 10.7 मेगावाट का रिलीफ मिला। 12.5 से लेकर 12.45 तक में 20.7 मेगावाट लोड रिलीफ दर्ज किया गया।

फिजूलखर्ची और चोरी पर लगाना होगा अंकुश
बता दें कि जिले में जमकर बिजली चोरी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में कृषि फीडर की बिजली में सबसे ज्यादा मनमानी हो रही है। बारिश नहीं होने से 10 घंटे वाले फीडर में 24 घंटे वाले फीडर को जोड़ लिया जा रहा है। 11 केवी से सीधे अवैध कनेक्शन कर लिए जा रहे हैं। विभाग द्वारा कुआं, नदावन फीडर कुठिया महगवां में अवैध कनेक्शन पाया गया है, जिस पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा लगातार बिना टीसी, कनेक्शन आदि के बिजली चोरी का क्रम जारी है। लोगों को बिजली की फिजूलखर्ची रोकनी होगी व चोरी से भी बचना होगा। हालांकि विभाग द्वारा भी ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की गई है।

खास-खास:
– जिले भर में 2 लाख 90 हजार है विद्युत कनेक्शनधारी, इसमें घरेलू और व्यवसायिक सभी हैं शामिल।
– हर माह जिले में सब्सिडी घटाने, पंप में छूट के बाद 19 करोड़ रुपये की हर माह हो रही है बिलिंग।
– जिले में 200 से अधिक ट्रांसफार्मर पड़े हैं खराब, कई गांवों में नहीं है बिजली, इसके बाद भी हो रही कटौती।
– 24 घंटे सप्लाई वाले फीडर से 10 घंटे सप्लाई वाले फीडर में जोड़ लिया जाता है, जिससे ओवर लोड के कारण ट्रांसफार्मर व उपकरण जल रहे हैं।

इनका कहना है
कंपनी के लेवर पर कटौती हो रही है। अन शेड्यूल और लोड शेडिंग चल रही है। 49 मेगावाट खपत है। जब मिलती है तो पूरी सप्लाई दी जाती है। 19 मेगावाट के लगभग रिलीफ मिल रहा है। हाइडल प्लांट में बारिश न होने के कारण बिजली जनरेशन नहीं हो पा रहा है। इसलिए समस्या है। चोरी के साथ फिजूलखर्ची रोकनी होगी।
संजय अरोरा, एसई।

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