कटनी में अभी कोरोना के एक भी पॉजीटिव मरीज सामने नहीं आया है। इसके पीछे एक कारण सैंपलिंग नहीं होने को माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही स्ट्रेचर लेकर इमरजेंसी कक्ष तक जाते हैं ऐसे में बिना पीपीइ सूट व दस्ताने के ये संभावित मरीज के संपर्क में आए तो कई दूसरे लोगों में इस संक्रमण के फैलने की आशंका रहेगी।
जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय, भृत्य मिलाकर आठ से ज्यादा कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के हैं। इसके अलावा प्राइवेट सुरक्षाकर्मी भी सेवाएं दे रहे हैं। इमरजेंसी कक्ष के बाहर बैठे सतीश कुमार व गार्ड बताते हैं कि उन्हे ग्लप्स, सैनिटाइजर व मास्क मिला है। इन कर्मचारियों ने मीडिया को देखकर मास्क तो लगा लिया, लेकिन दस्ताने फिर भी नहीं पहना।
कोरोना के खतरे के बीच जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर स्थित इंमरजेंसी कक्ष में ही प्रदेश व विदेश से आने वाले लोगों की जांच हो रही है। यहां कक्ष के अंदर डॉक्टर व नर्स तो पीपीइ सूट पहनते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर बेपरवाह है।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसके शर्मा इस बारे में बताते हैं कि अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्लप्स, सैनिटाइजर व मास्क दिया गया है। पीपीइ सूट जरुरत पडऩे पर उपलब्ध करवाएंगे।