कटनी

दस्ताने न पीपीइ सूट, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए जानलेवा न साबित हो जाए बेपरवाही

जिला अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में कोरोना जांच की व्यवस्था के बीच जरुरी एहतियात का पालन नहीं.

कटनीApr 05, 2020 / 01:28 pm

raghavendra chaturvedi

जिला अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर बिना सुरक्षा पोषाक के ड्यूटी में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी.

कटनी. कोरोना के कहर से बचने के लिए जब सबसे ज्यादा जरुरी एहतियात का पालन करना है। तब जिला अस्पताल में बेपरवाही चरम पर है। यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हाथ में दस्ताने हैं और ना ही वे पीपीइ सूट पहन रहे हैं। इन कर्मचारियों को पीपीइ सूट को अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्ध ही नहीं कराया है। दस्ताने और सैनिटाइजर मिला है तो लापरवाही में उपयोग नहीं कर रहे हैं।
कटनी में अभी कोरोना के एक भी पॉजीटिव मरीज सामने नहीं आया है। इसके पीछे एक कारण सैंपलिंग नहीं होने को माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही स्ट्रेचर लेकर इमरजेंसी कक्ष तक जाते हैं ऐसे में बिना पीपीइ सूट व दस्ताने के ये संभावित मरीज के संपर्क में आए तो कई दूसरे लोगों में इस संक्रमण के फैलने की आशंका रहेगी।
जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय, भृत्य मिलाकर आठ से ज्यादा कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के हैं। इसके अलावा प्राइवेट सुरक्षाकर्मी भी सेवाएं दे रहे हैं। इमरजेंसी कक्ष के बाहर बैठे सतीश कुमार व गार्ड बताते हैं कि उन्हे ग्लप्स, सैनिटाइजर व मास्क मिला है। इन कर्मचारियों ने मीडिया को देखकर मास्क तो लगा लिया, लेकिन दस्ताने फिर भी नहीं पहना।
कोरोना के खतरे के बीच जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर स्थित इंमरजेंसी कक्ष में ही प्रदेश व विदेश से आने वाले लोगों की जांच हो रही है। यहां कक्ष के अंदर डॉक्टर व नर्स तो पीपीइ सूट पहनते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर बेपरवाह है।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसके शर्मा इस बारे में बताते हैं कि अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ग्लप्स, सैनिटाइजर व मास्क दिया गया है। पीपीइ सूट जरुरत पडऩे पर उपलब्ध करवाएंगे।
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