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छुट्टियों में दो माह फीस की भरपाई करने निजी स्कूल संचालकों ने अपनाया ये रास्ता, जानने के लिए पढि़ए खबर

locationकटनीPublished: Mar 13, 2019 09:39:04 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

निजी स्कूल संचालकों की मनमानी से परेशान अभिभावक, बच्चे की पढ़ाई के डर नहीं कर पा रहे शिकायत
 

school children

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कटनी. गर्मी की छुट्टियों में दो माह यानि मई-जून की फीस अभिभावकों को नहीं देनी होगी, इस पर प्रतिबंध लगा है। इसके बाद भी अभिभावकों को राहत नहीं मिल रही है। छुट्टी में दो माह की फीस वसूलने निजी स्कूल संचालकों ने नया रास्ता निकाला है। फीस की भरपाई करने के लिए अभिभावकों से री-एडमिशन के नाम पर शुल्क वसूले जा रहे। निजी स्कूल संचालकों की इस मनमानी की वजह से अभिभावक परेशान हो रहे है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए शिकायत करने से भी कतरा रहे हैं।

जिलेभर में 420 निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में अप्रैल माह से नया शिक्षण सत्र 2019-20 शुरू हो जाएगा। ऐसे में कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं में दाखिला भी शुरू हो गया है। कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं में बच्चों को जुलाई तक एडमिशन दिया जाएगा। जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए माह अप्रैल माह से छात्रों को प्रवेश देने का सिलसिला शुरू होगा और लगभग अक्टूबर माह तक चलेगा। इसमें सीबीएसइ व एमपी बोर्ड की स्कूलें शामिल है।
नए दाखिले के साथ देना पड़ता है डोनेशन शुल्क:
निजी स्कूलों में बच्चों को एडमिशन दिलाने पहुंचे नए अभिभावकों से स्कूल संचालक एडमिशन फीस तो ले रहे हैं। साथ ही शाला डोनेशन फीस भी लेते है। इस डोनेशन फीस के माध्यम से स्कूल संचालक मई व जून माह की फीस भी अभिभावकों से वसूल लेते है। इतना ही नहीं यदि स्कूल को कोई छात्र 8वीं कक्षा से 9वीं में प्रवेश कर रहा है तो उससे भी री-एडमिशन के नाम पर मनमानी फीस की वसूली की जा रही है। जबकि पालकों का कहना है कि री-एडमिशन का नियम नही है। उसके बाद भी स्कूल मालिकों द्वारा फीस ली जा रही है।

इनका कहना है:
कोई भी स्कूल री-एडमिशन की फीस नहीं ले सकता है। यदि कोई भी स्कूल संचालक री-एडमिशन के नाम पर फीस ले रहा है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एसएन पांडे, डीइओ।

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