script108 करोड़ रुपए के सीवर लाइन प्रोजेक्ट में 34 करोड़ भुगतान, फिर भी कम नहीं हुई नागरिकों की परेशानी | problems of citizens did not reduce in the sewer line project of 108 c | Patrika News

108 करोड़ रुपए के सीवर लाइन प्रोजेक्ट में 34 करोड़ भुगतान, फिर भी कम नहीं हुई नागरिकों की परेशानी

locationकटनीPublished: Jul 23, 2021 12:54:16 pm

नागरिकों के लिए सुविधा के बजाये समस्या बनी सीवर लाइन प्रोजेक्ट, निर्माण में बेपरवाही ऐसी कि काम के बाद समतल सड़क में धस गया ट्रक.

A truck into a flat road after the construction of a sewer line near Kuthla Puraini in the city.

शहर में कुठला पुरैनी के समीप सीवर लाइन निर्माण के बाद समतल सड़क में धसा ट्रक.

कटनी. शहर में लाखों नागरिक सीवर लाइन प्रोजेक्ट में चल रहे काम के दौरान खुलेआम मनमानी और सुविधाओं की अनदेखी से परेशान हैं। काम के दौरान गुणवत्ता में लापरवाही ऐसी कि काम पूरा हो जाने और सड़क समतल कर दिए जाने के बाद भी वाहन फंस जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार रात कुठला क्षेत्र में सामने आया। पुरैनी के समीप एक ट्रक चालक ने सड़क समतल समझकर ट्रक किनारे लगाया और देखते ही देखते उसका एक हिस्सा सड़क में धस गया।

सीवरलाइन निर्माण में लगातार लेटलतीफी, कार्रवाई नोटिस तक सीमित-
शहर का डे्रनेज सिस्टम व्यवस्थित करने के लिए 2018 में स्वीकृत 96 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रोजेक्ट बढ़कर 108 करोड़ रुपए का हो गया, लेकिन काम की गति बढ़ी न ही गुणवत्ता में सुधार हुआ। निर्माण प्रोजेक्ट के जिम्मेदारों की मनमानी नागरिकों की सुविधाओं पर भारी पड़ रहा है। माधवनगर के कई गली ऐसे हैं जहां पाइप लाइन डालने के दो साल बाद सड़क नहीं बनाई गई।

2020 में पूरा होना था, लगातार बढ़ाई जा रही अवधि-
आम जनता के टैक्स के पैसे से होने वाले इस निर्माण का आलम यह है कि लगातार लेटलतीफी में कार्रवाई के बजाए अवधि बढ़ाई जा रही है। काम 2020 में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद कई बार अवधि बढ़ाई गई। अब अवधि बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दिया गया है।

काम की गति और गुणवत्ता के लिए पीडीएमसी पर लाभ नहीं-
बड़े प्रोजेक्ट में समय रहते काम पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट डेव्हलपमेंट मॉनीटरिंग कंसलटेंट (पीडीएमसी) की नियुक्ति की है। इसके एवज में बड़ी राशि भी पीडीएमसी के इंजीनियरों को दी जा रही है। जानकर ताज्जुब होगा कि इसके बाद भी लाभ नागरिकों को नहीं मिल रहा।

इस बारे में पीडीएमसी के इंजीनियर विशाल सैनी बताते हैं कि केके स्पन कंपनी काम करवा रही है। काम पूरा होने की अवधि की तुलना में प्रत्येक माह होने वाले काम का बंटवारा किया गया है। अब तक ठेका कंपनी को 34 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गति नहीं बढ़ी तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं नगर निगम के कार्यपालन यंत्री शैलेष जायसवाल का कहना है कि सीवर लाइन ठेकेदार कुछ दिनों से काम नहीं कर रहा है। गति तेज नहीं होने के कारण उसे वार्निग नोटिस दिया जा रहा है। सुधार नहीं हुआ तो टर्मिनेशन की कार्रवाई की जाएगी।

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