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इस शहर में चलिये जरा संभलकर, हर मुहाने पर खुले है मौत के नाले, देखें वीडियो

locationकटनीPublished: Sep 08, 2018 11:34:41 am

Submitted by:

balmeek pandey

बैठक तक दिखीं जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की संवेदनाएं, अभी भी बीच शहर में झांक रहे मौत के नाले, हादसे के 19 दिन बाद भी नाले कवर्ड नहीं करा पाया नगर निगम, बेपरवाही फिर पड़ सकती है भारी

Problems of increased accidents from open drains

Problems of increased accidents from open drains

कटनी. 19 अगस्त की वह काली रात…। भाजपा जिलाध्यक्ष पीताम्बर टोपानानी की 7 वर्षीय मासूम पोती अयेध्या व भतीजा प्रशांत टोपनानी नगर निगम की बेपरवाही (माधवनगर में नाला खुला होने) के कारण असय मौत के मुंह में समा गए। जिस किसी ने इस मंजर को देखा वह दहल गया। वाक्या इतना भयावह हुआ कि शायद ही 10-20 वर्षों तक इसको लोग भूल पाएं। लेकिन यदि भूल जाएंगे तो सिर्फ और सिर्फ शहर के जनप्रतिनिधि व अधिकारी!। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस वीभत्स हादसे को बीते 19 दिन का समय बीत गया है, लेकिन अबतक शहर में खुले पड़े नालों को नगर निगम द्वारा सुरक्षित नहीं कराया गया। अभी भी बीच शहर आधा सैकड़ा से अधिक नालों से मौत झांक रही है। 22 अगस्त को महापौर शशांक श्रीवास्तव व आयुक्त टीएस कुमरे ने आनन-फानन में निगम अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और सभी वार्डवार खुले पड़े नालों को चिन्हित कर जाली आदि से सुरक्षित करने के निर्देश दिए, लेकिन दो-चार नालों को छोड़कर अबतक सभी नाले खुले पड़े हैं। शहर में पिछले कई दिनों से झमाझम बारिश का दौर जारी है, नालों में तेज बहाव है। जिम्मेदार की अनदेखी फिर से भारी पड़ सकती है।

ये खुले हैं नाला
शहर में कोहारी नाला, कुठला रोड, मिशन चौक-गाटरघाट, राष्ट्रीय स्कूल, गांधीगंज, शास्त्री कॉलोनी, सावरकर नाला, रबर फैक्ट्री रोड, जैन कॉलोनी, शनिदेव मंदिर के पास, गर्ग चौराहा, मोहन मेडिकल, सिंधू भवन के पास, शंकर टॉकीज रोड के पास, मधई मंदिर, अंजूमन स्कूल, आइसीआइसीआइ बैंक, बीजेपी ऑफिस, आइटीआइ बिल्डिंग, लक्ष्मी पान भंडार, जीआरपीएफ, ओएफके, राय कॉलोनी, झिंझरी नाला, कटायेघाट रोड, दुगाड़ी नाला, डायमंड स्कूल के पास, शिकागो स्कूल के पास, बिलहरी रोड, पेराफिट नाला, नगर सुधारान्यास कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, अमीरगंज पहुंच मार्ग सहित अन्य स्थलों पर नाले खुले हैं।

नगर निगम के बाजू में मौत का नाला
नगर निगम द्वारा हादसे के बाद से 15 से अधिक नालों को कवर्ड करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसकी हकीकत खुद-ब-खुद नगर निगम के बाजू में स्थित केसीएस स्कूल बयां कर रहा है। केसीएस स्कूल में प्राथमिक से लेकर हॉयर सेकंडरी की सैकड़ों छात्राएं अध्ययन के लिए पहंचती हैं। नाले के ऊपर पानी पूरी सहित अन्य खाद्य सामग्री के ठेले टपरे लगते हैं। यहां पर पिछले कई दिनों से भारी-भरकम नाला खुला पड़ा है, जिसे अबतक बंद नहीं कराया गया।

बरही रोड में खुला है नाला
शहर की शायद ही कोई ऐसा मार्ग हो जहां पर जानलेवा नाला मंह बाये न खड़ा हो। पुलिस चौकी खिरहनी गेट के एकदम बाजू में पिछले कई माह से नाला खुला पड़ा है। इस नाले को बंद कराने अबतक न तो वार्ड पार्षद द्वारा ध्यान दिया गया और ना ही नगर निगम द्वारा। यहां पर दो प्रमुख बैंक और स्कूल भी हैं जहां दिनभर लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।

बजाज गली में भयावह नाला
माधवनगर में हुए भयावह हादसे के बाद हर अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहने लगे हैं। शहर के कई हिस्सों से खुले पड़े नालों को बंद करने मांग भी उठी, लेकिन अबतक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। नई बस्ती स्थित बजाज गली में पिछले कई वर्षों से मेन नाला खुला हुआ है। स्थानीय लोगों बताया कि यहां पर दिनभर बच्चे खेलते हैं, हमेशा हादसे का डर बना रहता है। नगर निगम इसे कवर्ड नहीं करा हरी।

जय प्रकाश गली में भी मौत का मुहाना
शहर के गांधीगंज इलाके में भी खुले नाले का भयावह मंजर देखा जा सकता है। यहां पर स्थित जयप्रकाश गली में पिछले कई वर्षों से नाला खुला पड़ा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जैसे ही बच्चे घर के बाहर निकलते हैं तो उनकी चिंता बढ़ जाती है। कई बार इस नाले को सुरक्षित कराने वार्ड जिम्मेदारों से मांग कर चुके हैं, लेकिन अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई।

मुख्य मार्ग में भी मौत का मंजर
शहर में मौत के नाले सिर्फ उपनगरीय क्षेत्र और निचली बस्तियों में ही नहीं हैं बल्कि बीच शहर और मुख्य मार्ग में भी मौत का मंजर पैदा कर देने वाले नाले देखे जा सकते हैं। घंटाघर में साईं मंदिर के सामने पिछले कई वर्षों से नाला खुला पड़ा है। यहां पर न सिर्फ मंदिर के कारण छोटे बच्चों की आवाजाही होती है, बल्कि तिलक राष्ट्रीय स्कूल भी है, जिससे हर समय हादसे का भय बना रहता है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदारों को परेशानी नजर नहीं आती।

इनका कहना है
माधवनगर में हुए हादसे के बाद शहर में 45 खुले नाले चिन्हित किए गए हैं। 17 नाले कवर्ड करा दिए गए हैं। चुनाव सहित अन्य कार्यों में ड्यूटी के कारण देरी हो रही है। शीघ्र ही उन्हें बंद करा दिया जाएगा।
टीएस कुमरे, आयुक्त नगर निगम।

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