क्या है एनएबीएच
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने एनएबीएच बनाया है। यह बोर्ड अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड तय कर उनका मूल्यांकन करता और इसके बाद सर्टिफिकेट जारी करता है। सबसे पहले एंट्री लेवल, इसके बाद प्रोग्रेसिव और बाद में फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाता है। अस्पतालों में पेसेंट केयर, साफ-सफाई, संक्रमण की रोकथाम, डिस्प्ले बोर्ड, मानव संसाधन, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कीपिंग, वेटिंग ऐरिया, मॉड्यूलर ओटी, सभी प्रोटोकॉल का पालन सहित उपचार के लिए पहुंचने वाले डॉक्टरों का अनुबंध सहित अन्य व्यवस्थाएं होना जरूरी है।
इनका कहना है
सीएमएचओ ने तो मुझे नहीं कहा है कि आपका कैसे एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी हो गया। इस संबंध में सीएमएचओ ही बताएगे क्या है क्या नहीं। पक्ष जानने के लिए संडे को फोन नहीं लगाया जाता। ऑफिस में जाकर आप पता कर सकते हैं कि अनुबंध है कि नहीं। कटनी में तो यह बनता नहीं है। इसकी इन्क्वायरी करिये।
डॉ. राजेश बत्रा, चिकित्सक धर्मलोक हॉस्पिटल।
एनएबीएच सर्टिफिकेट के लिए टीम ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान सिर्फ सर्जन और गायनिक का एमओयू था। जिससे आयुष्मान योजना में पात्रता के लिए यह अस्पताल खरा नहीं उतरा था। अब जानकारी लगी है कि धर्मलोक को भी एनएबीएच सर्टिफिकेट विभाग से जारी हो गया है। यह कैसे हो गया मैं खुद अचंभित हूं।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।