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बड़ा खेल: सीएमएचओ ने कहा स्वास्थ्य विभाग की जांच में नहीं मिले एमओयू, फिर भी धर्मलोक हॉस्पिटल को जारी हो गया एनएबीएच सर्टिफिकेट

आयुष्मान योजना सहित सरकारी योजनाओं के तहत मरीजों को अस्पताल में उपचार कराने के लिए हो गया खेल

कटनीMar 04, 2019 / 12:03 pm

balmeek pandey

Health care department's major negligence in hospital building

Health care department’s major negligence in hospital building

कटनी. निजी अस्पताल में आसानी से शासकीय योजनाओं के तहत इलाज की मान्यता नहीं है। अस्पतालों को एनएबीएच का एंट्री लेवल सर्टिफिकेट, उसके बाद मान्यता का आवेदन स्वीकार होने पर प्रोग्रेसिव लेवल का एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी होना होता है। ऐसे में शहर के प्राइवेट अस्पताल में एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी होने पर सीएमएचओ डॉ. एसके निगम ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है तीन माह पहले सीएमएचओ ऑफिस से गठित टीम ने आदर्श कॉलोनी समीप स्थित प्राइवेट धर्मलोक हॉस्पिटल का निरीक्षण किया तो वहां पर एनएबीएच सर्टिफिकेट के लिए माकूल इंतजाम नहीं मिले थे। अस्पताल में किस बीमारी का कौन सा डॉक्टर उपचार करेगा इसके लिए जरुरी एमओयू नहीं मिले। अस्पताल में दो चिकित्सक जिसमें एक सर्जन और दूसरी महिला चिकित्सक होने की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई थी, लेकिन अब विभाग से जानकारी लगी है कि धर्मलोक को भी एनएबीएच सर्टिफिकेट (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स) जारी हो गया है। सीएमएचओ इस पूरे मामले में कह रहे हैं कि यह कैसे हो गया, उन्हें पता ही नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस मान्यता के बाद आयुष्मान योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत मरीज के उपचार की मान्यता मिल जाती है, जिससे इन्हीं अस्पतालों में इलाज कराने पर सरकारी मदद मिलती है।

क्या है एनएबीएच
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने एनएबीएच बनाया है। यह बोर्ड अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड तय कर उनका मूल्यांकन करता और इसके बाद सर्टिफिकेट जारी करता है। सबसे पहले एंट्री लेवल, इसके बाद प्रोग्रेसिव और बाद में फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाता है। अस्पतालों में पेसेंट केयर, साफ-सफाई, संक्रमण की रोकथाम, डिस्प्ले बोर्ड, मानव संसाधन, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कीपिंग, वेटिंग ऐरिया, मॉड्यूलर ओटी, सभी प्रोटोकॉल का पालन सहित उपचार के लिए पहुंचने वाले डॉक्टरों का अनुबंध सहित अन्य व्यवस्थाएं होना जरूरी है।

इनका कहना है
सीएमएचओ ने तो मुझे नहीं कहा है कि आपका कैसे एनएबीएच सर्टिफिकेट जारी हो गया। इस संबंध में सीएमएचओ ही बताएगे क्या है क्या नहीं। पक्ष जानने के लिए संडे को फोन नहीं लगाया जाता। ऑफिस में जाकर आप पता कर सकते हैं कि अनुबंध है कि नहीं। कटनी में तो यह बनता नहीं है। इसकी इन्क्वायरी करिये।
डॉ. राजेश बत्रा, चिकित्सक धर्मलोक हॉस्पिटल।

एनएबीएच सर्टिफिकेट के लिए टीम ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान सिर्फ सर्जन और गायनिक का एमओयू था। जिससे आयुष्मान योजना में पात्रता के लिए यह अस्पताल खरा नहीं उतरा था। अब जानकारी लगी है कि धर्मलोक को भी एनएबीएच सर्टिफिकेट विभाग से जारी हो गया है। यह कैसे हो गया मैं खुद अचंभित हूं।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

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