डिमांक को करेगा अपग्रेड
बहुउद्देशीय घरेलू सर्वे में शहर की सभी कॉलोनियों के साथ झुग्गी बस्तियों में भी सर्वे किया जाएगा। यह जीआईए डेटाबेस के एकीकरण के साथ प्रॉपर्टी टैक्स की डिमांड को अपग्रेड करेगा। गैरस्थानिक डेटा बहुउद्देशीय होगा जिसका उपयोग इंजीनियरिंग, रेवेन्यू टैक्सेशन और टाउन प्लानिंग, जैसे नगर निगम के विभिन्न विभागों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। पारदर्शी तरीके से टैक्स का भुगतान होगा। टैक्स संग्रह का अतिरिक्त लाभ भी हासिल होगा। आरईपीएल के सीएमडी प्रदीप मिश्रा बताया कि टेक्नोलॉजी में इससे टैक्स कलेक्शन में बड़ा सुधार होगा।
इन टैक्सों में मिलेगा लाभ
आरईपीएल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि किसी जगह का एक परफेक्ट डेटा बेस होने से नगर निगम की योजना, प्रशासन और प्रबंधन में कई तरीकों से सुधार करके उसको और अधिक सरल एवं प्रभावी बनाया जा सकेगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन से सर्वे को ज्यादा से ज्यादा व्यवस्थित ढंग से करने में मदद मिलेगी। प्रॉपर्टी टैक्स, वॉटर एंड सैनिटेशन टैक्स और चार्जेस को सुधारने में मदद मिलेगी।
अभी यह है स्थिति
-47 हजार 974 अभी हैं शहर में प्रॉपर्टियां।
-7 करोड़ 13 लाख रखा गया था राजस्व का लक्ष्य।
-9 करोड़ 12 लाख रुपये हुई है राजस्व की वसूली।
इनका कहना है
जीआइएस बेस्ड बेस मैप बनेगा, इसमें हाइ रेजोल्यूशन के सैटेलाइट डेटा और संबंधित क्षेत्र के ग्राउंड सर्वे का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे टैक्सेशन के लिए संपत्तियों की संख्या बढेंगी और करोड़ों का राजस्व भी।
जागेश्वर पाठक, नोडल अधिकारी राजस्व।