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कई हजार यूनिट ऊर्जा की बचत कर रेलवे को पहुंचाया फायदा, जीएम ने सराहा

locationकटनीPublished: Jul 03, 2021 09:00:37 pm

Submitted by:

balmeek pandey

ऊर्जा संरक्षण में बेहतर कार्य पर लोको पायलट को मिली सराहना, पमरे के 11 लोको पायलटों ने कुल 3 लाख 49 हजार 585 यूनिट ऊर्जा की करी है बचत
 

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कटनी. पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने पमरे के तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा के लोको पायलटों द्वारा गाडिय़ों के परिचालन में लोको द्वारा खर्च होने वाली ऊर्जा की बचत करने में उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही ड्राइविंग तकनीक की सराहना की। इसमें कटनी के भी एक पायलट ने बेहतर कार्य किया है। पमरे के तीनों मण्डलों के 11 लोको पायलट द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिए बेहतर चालक तकनीकी, रिजनरेटिव ऊर्जा का प्रयोग करके 3 लाख 49 हजार 585 यूनिट ऊर्जा बचत की। इसमें आरएस कुशवाहा (एलपीजी/एनकेजे) ने बेहतर कार्य किया है।
लोको पायलटों के द्वारा कॉशन आर्डर मिलाने के पश्चात खंड की भौगोलिक स्थिति के अनुसार गाड़ी परिचालन की भूमिका मन में तैयार कर ली जाती है कि कॉशन आर्डर के अनुसार कहां पर ब्रेकिंग की जाना है, कहां पर कॉस्टिंग में चलना है। यदि थ्री फेज लोको है तो कहाँं से रिजनरेटिव ब्रेकिंग का उपयोग किया गया, इसके बारे में निश्चित किया जाता है। गाड़ी परिचालन के दौरान प्रथम ब्लाक खंड में ब्रेक पॉवर शक्ति की जांच की जाती है। सेक्शन में ब्रेक पॉवर एवं लोड के व्यवहार के आधार गाड़ी की गति का नियंत्रण किया जाता है। हमेशा सामान्य परिस्थिति में गाड़ी को अधिकतम अनुमेय गति से चलाना जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि खंड में गाड़ी के परिचालन समय में भी कमी आती है। थ्री फेज लोको में गाड़ी के नियंत्रण के लिए रिजनेरेटिव ब्रेकिंग का अधिक से अधिक उपयोग करते हैं।

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