scriptअंडरपास बनाने 2017 में रेलवे को दिए चार करोड दो लाख रुपये, रेलवे ने नहीं लौटाए पूरे | Railways did not return lakhs of rupees to Municipal Corporation | Patrika News

अंडरपास बनाने 2017 में रेलवे को दिए चार करोड दो लाख रुपये, रेलवे ने नहीं लौटाए पूरे

locationकटनीPublished: Sep 04, 2020 10:03:25 am

Submitted by:

balmeek pandey

निगम निगम को नहीं भेजी ब्याज की राशि, लगातार पत्राचार के बाद भी हो रही देरी, मिशन चौक में बनना था अंडरपास

Crores of rupees scam in post office

Crores of rupees scam in post office

कटनी. मिशन चौक में यातायात दबाव को कम करने के लिए नगर निगम द्वारा अंडरपास प्रस्तावित किया गया था। अंडरपास निर्माण के लिए नगर निगम द्वारा रेलवे को 2017 में 4 करोड़ 2 लाख रुपये दे दिए गए। एक साल पहले अंडरपास कैंसिल हो जाने के बाद भी रेलवे द्वारा पूरी राशि मय ब्याज के नहीं लौटाई गई। आधी-अधूरी राशि रेलवे को लौटाई गई है, लगातार पत्राचार के बाद भी राशि नहीं लौटाई जा रही। जानकारी के अनुसार 8 करोड़ 60 लाख रुपये से 2017 में आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) की स्वीकृति मिली। इसके लिए 15 जून 2017 को नगर निगम द्वारा 15 लाख रुपये, 17 मार्च 2018 को 3 करोड़ 87 लाख रुपये, कुल राशि 4 करोड़ 2 लाख रुपये मंडल रेलवे प्रबंधक कार्यालय जबलपुर में जमा कराए गए। कुछ दिनों के बाद मिशन चौक में सेतु निर्माण निगम द्वारा फ्लाइओवर निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ स्वीकृति मिली। इसके बाद भी अंडरपास निर्माण के लिए सेतु निगम, रेलवे व नगर निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। कई बार हुए निरीक्षण से यह निष्कर्ष निकला कि अंडरपास बनना असंभव है। रेलवे, नगर निगम के अधिकारियों के बीच सामजस्य न होने के कारण तकनीकी कार्यवाही में चूक हुई। इसके बाद नगर निगम द्वारा आरयूबी कैसिंल कर दिया गया। अभी तक रेलवे द्वारा सिर्फ 3 करोड़ 55 लाख रुपये की नगर निगम को लौटाए गए हैं। हालांकि इस मामले में 7 अगस्त को फिर से महापौर द्वारा सीएस पीयूष गोयल को पत्र लिखकर राशि वापस करने की मांग की गई है।

कैसिंल होने के बाद भी राशि लौटाने में देरी
बता दें कि इस मामले में 21 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन डीआरएम डॉ. मनोज सिंह ने महापौर शशांक श्रीवास्तव को पत्र जारी कर बताया गया कि 19 सितंबर 19 को माहौपार सहित मुख्य ब्रिज इंजीनियर पमरे के साथ हुई बैठक में मामला लाया गया। मिशन चौक में आरओबी का निर्माण चल रहा है। यहां अतिरिक्त आरयूबी का निर्माण संभव नहीं है। अतिरिक्त आरयूबी के निर्माण से आर्थिक रूप से अव्यवहार होगा। आरओबी बनने से यातायात दबाव कम हो जाएगा। इसी दौरान मंगलनगर में एक और आरयूबी निर्माण की भी सहमति बनी। इसी राशि को मंगलनगर में आरयूबी निर्माण के लिए बात कही गई। हालांकि अभी इसको लेकर आगे पहल नहीं हुई।

इनका कहना है
मिशन चौक में अंडरपास कैसिंल होने पर रेलवे को राशि वापस करने कहा गया था। रेलवे द्वारा अधिकांश राशि लौटा दी गई है। बची हुई राशि व ब्याज की राशि का भुगतान करने के लिए पत्राचार किया गया।
अशफाक परवेज कुरैशी, उपायुक्त ननि।

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