कुंडम परियोजना परिक्षेत्र बड़वारा कार्यालय में शनिवार की देर शाम लगभग दो दर्जन मजदूरों ने अपने बीवी बच्चों के साथ डेरा डाल लिया। मजदूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि हम सभी ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं। वृक्षारोपण के कार्य में गड्ढों का खनन करने के लिए हमें मजदूरी पर लाया गया था। चार पैसे कमाने के लिए हम लोग लंबे समय से कुंडम परियोजना परिक्षेत्र के रेंजर के कहने पर मजदूरी करते रहे। जब पैसे देने की बारी आई तो रेंजर हीला हवाली करने लगे हैं.
रेंजर न केवल मजदूरी देने से इनकार कर रहे हैं बल्कि उल्टा हम सभी को डांट फटकार भी लगा रहे हैं। घर वापस जाने के लिए पैसे नहीं होने के कारण हम सभी को बड़वारा कुंडम परियोजना कार्यालय में ही अपने परिवार के साथ रुकना पडा है। जब तक हमारी मजदूरी नहीं मिलती तब तक हम यहां से हटने वाले नहीं हैं। मजदूरों ने बताया कि हमारे कुछ बच्चे भी हैं जिनमें से कुछ का स्वास्थ्य भी खराब है। पैसे ना होने के कारण उसका इलाज भी नहीं करवा पा रहे हैं। सभी मजदूर जल्द ही अपनी मजदूरी मिलने की आस लगाए हुए हैं।
देश—प्रदेश में इन दिनों वैसे भी बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में गरीब मजदूर अपना जीवन यापन करने के लिए रोजगार की तलाश में निकल रहे हैं। खून पसीना बहा कर चंद पैसे कमा कर अपने परिवार का पेट पालने का काम करते हैं लेकिन ऐसे मजदूरों का भी जमकर शोषण किया जा रहा है।