कटनी

इस सबसे बड़ी समाजसेवी संस्था के हो गए ये हाल, दानदाताओं ने फेर लिया मुंह, स्कूल और हॉस्टल का ये हाल

डायलिसिस और एंबुलेंसों ने भी तोड़ा दम, सिर्फ हॉस्टल और मूकबधिर स्कूल का हो रहा संचालन

कटनीMay 09, 2019 / 11:18 am

balmeek pandey

Red Cross Society’s condition bad in Katni district

कटनी. रेडक्रॉस सोसायटी का समाजसेवी संस्था के नाम पर एक स्थापित नाम हैं, लेकिन जिले में यह सोसायटी अब दम तोड़ती नजर आ रही है। 8 मई को रेड क्रॉस डे जहां पर सेवा प्रकल्पों के माध्यम से सोसायटियां अपने सामाजिक कार्यों को गिनाएंगीं। लेकिन कटनी की रेडक्रॉस सोसायटी के पा सिर्फ दो काम बताने के अलावा तीसरा कुछ भी नहीं है। शहर में सिविल लाइन में एक मूकबधिर स्कूल चल रहा है। वह स्कूल भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। न तो विद्यार्थियों के लिए माकूल इंतजाम हैं और ना ही साधन। यहां तक कि जब स्कूल लगता है तो दिव्यांग को पैदल ही स्कूल आना-जाना पड़ता है। दूसरा तिलक कॉलेज के पास सक्षम छात्रावास चल रहा है, जहां पर कुछ बच्चे ही रह रहे हैं। बता दें कि जिले में यह सोसायटी 1983 से कार्य कर रही है। अभी तक सोसायटी में मात्र 700 ही अजीवन सदस्य बने हैं। ये वे सदस्य हैं जिन्होंने सोसायटी में एक हजार रुपये जमा कर अजीवन सदस्यता ली है।

नहीं जुड़ रहे सदस्य
वर्तमान में अब सदस्य जुडऩे का सिलसिला न के बराबर है। समिति के चेयरमैन सीएस सुशील शर्मा, समिति के अध्यक्ष कलेक्टर डॉ. पंकज जैन व सचिव डॉ. यशवंत वर्मा हैं। राज्य शिक्षा केंद्र से 8 लाख रुपये अनुदान के भरोसे छात्रावास चल रहा है। वहीं अस्पताल को दी गईं डायलिसिस मशीन और एंबुलेंस दम तोड़ चुकी हैं। सोसायटी में सालाना लगभग डेढ़लाख रुपये ही पहुंच पा रहा है, जिससे समाजसेवा वाले कार्य नहीं हो पा रहे। जबकि पूर्व में नेत्र शिविर, हेल्थ कैंप में हजारों लोग लाभान्वित होते थे।

इनका कहना है
रेड क्रॉस सोसायटी से अब धीरे-धीरे लोगों को जुड़ाव कम होता जा रहा है। एंबुलेंस कबाड़ हो गई हैं। अभी मूकबधिर स्कूल और दिव्यांग हॉस्टल चल रहा है। लोगों के जुडऩे से पहले काफी राशि आती थी, जिससे नेत्र शिविर सहित अन्य हेल्थ कैंपों के माध्यम से लोगों को राहत मिलती थी।
डॉ. यशवंत वर्मा, सचिव रेड क्रॉस सोसायटी।

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