scriptपुष्पावती में प्रदेश भर से जुटे 10 हजार से अधिक लोग, किया ये खास पूजन | Religious organizing of Jain society in Bilahri | Patrika News

पुष्पावती में प्रदेश भर से जुटे 10 हजार से अधिक लोग, किया ये खास पूजन

locationकटनीPublished: Feb 27, 2019 11:44:56 am

Submitted by:

balmeek pandey

पुष्पावती में चल रहे तीन दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा, कलशारोहण महोत्सव का समापन, 151 जोड़ों ने किया ऐतिहासिक वेदीसूतन, दस हजार लोग बने साक्षी

Religious organizing of Jain society in Bilahri

Religious organizing of Jain society in Bilahri

कटनी/बडग़ांव. तारण तरण मंडलाचार्य जी महाराज की पावन जन्मस्थली बिलहरी (पुष्पावती) जी में श्री वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव के द्वितीय दिवस ऐतिहासिक दान प्रभावना सहित दोपहर में एक भव्य पंच श्री जिनवाणी पालकी, विमान शोभा यात्रा का आयोजन हुआ। मंगल विहार हजारों गुरुभक्तों की विशिष्ट उपस्थिति में अपूर्व धर्म प्रभावना के साथ हुआ। ततपश्चात श्री चैत्यालय में पूर्ण विधि विधान हर्षोल्लास पूर्वक कलशारोहण महोत्सव सम्पन्न हुआ। जिसमें वेदी पर प्रमुख कलश आरोहण का सौभाग्य सतीश समैया परिवार जबलपुर को एवं शिखर पर प्रमुख कलश का आरोहण समाज रत्न श्रीमंत सेठ प्रकाशचन्द, विकास कुमार, आकाश कुमार समैया परिवार खुरई को प्राप्त हुआ। साथ ही अनेकों गुरुभक्तों ने वेदी, शिखर, हाथीद्वार, प्रवेश द्वार की सहेलियों पर कलशारोहण करने का सौभाग्य प्राप्त किया। त्रिदिवसीय वेदी प्रतिष्ठा, कलशारोहण, वेदीसूतन का कार्यक्रम मंगलवार को करीब दस हजार लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस त्रिदिवसीय महामहोत्सव में इतिहास रत्नाकर बाल ब्र. बसंत महाराज, आतमनिष्ठ शाधक आत्मानंद महाराज, ब्रम्हचारिणी बहिनों एवं समस्त श्री संघ का पावन सानिध्य एवं पं. श्री नीलेश कुमार, पं. विजय मोही जी आदि प्रतिष्ठाचार्य विद्वानों का दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ।

151 जोड़ों के द्वारा वेदीसूतन
रविवार को प्रथम दिवस ध्वजारोहण के साथ महोत्सव का आरंभ हुआ तथा द्वितीय दिवस पालकी जी शोभा यात्रा के साथ वेदी एवं शिखर पर कलशारोहण किया गया। अंतिम दिवस 151 सौभाग्यशाली जोड़ों ने श्री संघ एवं प्रतिष्ठाचार्य विद्वानों के निर्देशन में वेदीसूतन करने का सौभाग्य प्राप्त किया। तारण तरण दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र कमेटी बिलहरी जिला कटनी के पदाधिकारियों ने बताया कि तारण तरण मंडलाचार्य महाराज के संघ में 151 आचार्य थे। इसलिए उनकी जन्मभूमि बिलहरी में पहली बार 151 जोड़ों के द्वारा वेदीसूतन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। त्रिदिवसीय वेदी प्रतिष्ठा महामहोत्सव शामिल होने के लिए हजारों धर्मावलंबी कटनी, सतना, शाहनगर, बडग़ांव, बाकल, जबलपुर, पटेरा, सागर, हटा, दमोह, सागर, खुरई, बीना, अमरवाड़ा, छिंदवाड़ा, गुरैया, ग्यारशपुर, विदिशा, सिरौंज सहित समूचे प्रदेश के अलावा उप्र., महाराष्ट्र आदि प्रांतों से पहुंचे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो