कटनीPublished: Jul 20, 2021 09:41:04 pm
balmeek pandey
डायवर्सन कराने के नाम पर मांगे थे 8 हजार रुपये, विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने सुनाया फैसला
High Court order
कटनी. विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कटनी ने रिश्वतखोर राजस्व निरीक्षक राजकुमार खरे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 तथा धारा 13(1) डी, 13 (2) के तहत दोषी पाए जाने पर 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले में विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त अभिषेक मेहरोत्रा ने शासन की ओर से पैरवी की। बता दें कि 22 जनवरी 2015 को शिकायतकर्ता सुशील जैन निवासी सावरकर वार्ड नई बस्ती कटनी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के पास लिखित शिकायत कर बताया कि स्वयं का एवं मां के नाम से ईंट का उद्योग प्रारंभ करना चाहता है। इसलिए उसने अपने मां शीलाबाई जैन के नाम की ग्राम खड़ौली में स्थित भूमि का डायवर्जन कराने के लिए आवेदन डायवर्जन शाखा में लगाया है। राजस्व निरीक्षक द्वारा उससे डायवर्जन कराने के लिए आठ हजार रुपये रूपये रिश्वत की मांग की गई है।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त ट्रेप दल के निरीक्षक राजीव गुप्ता ने 23 जनवरी 2015 को आरोपी राजकुमार खरे राजस्व निरीक्षक डायवर्जन शाखा कटनी को 8 हजार रूपये की रिश्वत लेते डायवर्जन शाखा कटनी से गिरफ्तार किया। मामले में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त द्वारा मामले की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय कटनी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विचारण पश्चात आरोपी राजकुमार खरे (राजस्व निरीक्षक डायवर्जन शाखा कटनी) को सुशील जैन से रिश्वत की मांग करने एवं 8000 रूपये की रिश्वत लेने का दोषी मानते हुए विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कटनी द्वारा सोमवार को दोषसिद्ध होने पर सजा सुनाई गई है।