ब्लैक स्पॉट पर नहीं खास इंतजाम
पुलिस द्वारा जिले के मुख्य मार्गों में 33 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां पर अधिकांश हादसे हुए हैं। लेकिन यहां पर हादसों को रोकने के लिए खास पहल होती नहीं दिखी। ब्रेकर और रिफलेक्टर तो दूर-दूर तक नजर नहीं आते। वहीं हाइवे होने के कारण भी ब्रेकर गायब हैं। पुलिस द्वारा साल में दो से तीन बार सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाया गया। लोगों को यातायात के टिप्स दिए, लेकिन वे भी काम नहीं आए। चालानी कार्रवाई भी बेअसर साबित हुई। युवाओं को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक बनाने के लिए तमाम प्रयास किए. लेकिन तेज रफ्तार का रोमांच पाने की ललक में युवा आज भी यातायात सुरक्षा नियमों की अवहेलना करते सड़कों पर दिख जाते हैं। सड़कों पर सख्ती भी दिखाई, लेकिन इसका कोई खास असर युवाओं पर होता नहीं दिख रहा।
इस लिए हुए हादसे
– वाहनों चालकों की अंधाधुंध रफ्तार।
– आगे निकलने के होड़ में ओवरटेक।
– अपने साइड से वाहन न चलाना।
– वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों की अनदेखी।
– नशे में धुत्त होकर वाहन दौड़ाना।
– मार्ग में संकेतक और ब्रेकर का अभाव।
– वाहनों में क्षमता से अधिक लोड।
– अपर्याप्त नींद के कारण वाहन चलाना।
इनका कहना है
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम हादसे हुए हैं। ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर हादसो को राकने विशेष प्रयास किए जाएंगे। रफ्तार पर लगाम लगाने के साथ ही वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करें इस बात पर फोकस किया जाएगा। चेकिंग अभियान भी तेज किया जाएगा।
मिथिलेश शुक्ला, एसपी।