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18 मीटर सड़क को कलेक्टर की अध्यक्षता वाली टीम ने कर दी 14 मीटर, गुणवत्ता से खिलवाड़

locationकटनीPublished: Nov 29, 2021 07:50:27 pm

Submitted by:

balmeek pandey

मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत हो रहे सड़क चौड़ीकरण में नगर निगम की गंभीर बेपरवाही, जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे न प्रशासक

18 मीटर चौड़ी स्वीकृत हुई थी सड़क, कलेक्टर की अध्यक्षता वाली टीम ने कर दी 14 मीटर, उसमें भी गुणवत्ता से खिलवाड़ व मनमानी

18 मीटर चौड़ी स्वीकृत हुई थी सड़क, कलेक्टर की अध्यक्षता वाली टीम ने कर दी 14 मीटर, उसमें भी गुणवत्ता से खिलवाड़ व मनमानी

कटनी. शहर में होने वाले निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कहें व जिम्मेदार अधिकारियों की बेपरवाही, समय पर न तो काम हो रहे और ना ही गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा। तय मानकों के अनुसार भी काम नहीं हो रहा है। ऐसे ही एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत चल रहे सड़क चौड़ीकरण का। जगन्नाथ तिराहा से लेकर जुहला रपटा तक सड़क का चौड़ीकरण हो रहा है। चार साल से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक आधा काम नहीं हो पाया है। जबकि ठेकेदार को दो साल के अंदर 6 हजार 600 मीटर की पक्की नाली व सड़क का निर्माण करना था। शहर के रहवासी जाम जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों को भी कोई सरोकार नहीं है।
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि शहर के लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने क लिए 18 मीटर सड़क को चौड़ी किया जाना था। माई नदी से लेकर खिरहनी फाटक तक अभी काम चल रहा है। यहां पर सड़क की चौड़ाई कम कर दी गई है। इसमें नगन निगम के अधिकारियों का तर्क आया है कि प्राइवेट जमीनें व मकान फंस रहे हैं। लोगों की सहमति नहीं हैं। लोगों की मांग थी कि सड़क की चौड़ाई कम की जाए। लेकिन कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सड़क की चौड़ाई 14 मीटर कर दी है। मुआवजा सरकार नहीं देती इसलिए कमेटी के निर्णय अनुसार सड़क कम बनाई जा रही है।

हर तरफ चल रही है मनमानी
बता दें की सड़क चौड़ाई न सिर्फ कम कर दी गई है बल्कि गुणवत्ता से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। राजाभैया पांडेय, महेश निषाद, वेदप्रकाश पांडेय, सुरजीत सिंह आदि ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति और कुछ लोगों के हितों के चक्कर में शहरवासियों के हित को ताक पर रखकर सड़क बनाई जा रही है। सड़क की चौड़ाई कम करने से समस्या हल नहीं होगी। ठेकेदार भी अधिकारियों की बात नहीं सुन रहा। बताया जा रहा है कि पेटी कान्ट्रेक्ट में काम चल रहा है। नगर निगम के अधिकारी सिर्फ नोटिस की रस्म अदायगी कर रहे हैं। गुणवत्ताविहीन चल रहे निर्माण से आयुक्त से लेकर प्रशासक की निगरानी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

नहीं हटे पोल व ट्रांसफार्मर
करोड़ों रुपये फूंककर यह सड़क बनाई जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सड़क का निर्माण बगैर विद्युत पोल व ट्रांसफार्मर अलग किए ही ठेकेदार द्वारा सड़क बना दी जा रही है। इसमें नोडल अधिकारी का तर्क है कि सड़क चौड़ी हो रही है तो पोल व ट्रांसफार्मर भी हट जाएंगे। अभी नहीं तो बाद में हट जाएंगी। ऐसे में सड़क खराब होगी और टूटेगी तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा।

सालभर में नहीं हटे ठूठ
बता दें कि तत्कालीन कलेक्टर एसबी सिंह द्वारा शहर में ऑक्सीजन को ध्यान में रखते हुए पुराने दर्जनों पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अबके कलेक्टर ने उन्हें हटवा दिया है। लगभग एक साल पहले सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों का कत्लेआम तो हो गया, लेकिन दो से लेकर तीन इंच तक पेड़ों के ठूठ निकले हुए हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसको लेकर बताया जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा उसे अलग नहीं कराया जा रहा।

कई जगह से टूटी सड़क, अधिकारी कह रहे यह कल्पना है
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि त्रिशूल कंस्ट्रक्शन भोपाल द्वारा सड़क बनाई जा रही है। सड़क अभी आधी भी नहीं बनी, सड़क का लोकार्पण नहीं हुआ और सड़क टूटना शुरू हो गई है। स्थानीय लोगों की मानें तो गुणवत्ता विहीन निर्माण के कारण यह हालत बने हैं। इसमें भी नोडल अधिकाकारी का तर्क है कि सड़क टूटना यह कल्पना मात्र है। चार-पांच जगह सड़क का ज्वाइंट है वहां से गैप आ गया है, डामर से फिलिंग करा दिया जाएगा।

इनका कहना है
लोग सहमत है कुछ नहीं हुए है, कुछ लोग न्यायालय भी चले गए हैं, इसलिए चौड़ाई कम की गई है। सड़क टूट रही है तो इसके लिए जांच कराने पत्र इंजीनियरिंग कॉलेज को लिखा है। मैंने पोल अपने सामने शिफ्ट कराए हैं। यदि कहीं काम में गड़बड़ी व मनमानी चल रही है तो इसकी जांच कराएंगे।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त।

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