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इको के इंतजार में मरीज की मौत, परिजनों के इस कारनामे पर डॉक्टर ने कह डाली बड़ी बात

locationकटनीPublished: Mar 13, 2019 11:30:27 am

Submitted by:

balmeek pandey

परिजनों ने किया हंगाम, जगन्नाथ चौक स्थित चांडक हॉस्पिटल का मामला

कटनी. जगन्नाथ चौक स्थित चांडक हॉस्पिटल में लापरवाही का मामला सामने आया है। इको कराने पहुंचे एक वृद्ध की डॉक्टर के इंतजार में मौत हो गई है। इस पर मृतक के परिजन भड़क गए और जमकर हंगामा किया। जानकारी के अनुसार बरगवां स्थित डॉ. विकास गुप्ता के यहां एक वृद्ध की एक्सीडेंट हो जाने पर उपचार चल रहा था। मंगलवार की शाम उसे स्टॉफ, परिजन चांडक हॉस्पिटल इको कराने के लिए लेकर गए। डॉ. मनीष गट्टानी अपने चेम्बर में मरीजों को देख रहे थे। परिजनों का कहना था कि वह काफी देर से इको के लिए इंतजार कर रहे थे। अचानक वृद्ध को उल्टी होने लगी और एकाएक गिर गए। मरीज की हालत गंभीर होने पर परिजन घबरा गए और स्टॉफ में हड़कंप मच गया। तत्काल इसकी सूचना डॉक्टर मनीष गट्टानी को दी गई। डॉक्टर ने आनन-फानन में डॉक्टर ने उपचार शुरू किया, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। पिता की मौत पर बेटे और साथ में मौजूद अन्य परिजन भड़क गए और डॉक्टर और स्टॉफ पर लापरवाही का आरोप मढ़़ते हुए जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना था कि समय पर उपचार न मिलने के कारण उनके पिता की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि परिजनों ने अस्पताल में बेंच आदि भी पटक दिया और डॉक्टर के साथ गाली-गलौज की। काफी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। मृतक शहर के एक हॉस्टिल में कार्यररत राहुल के पिता बताए जा रहे हैं।

दोनों अस्पतालों ने छिपाया नाम
परिजनों के अनुसार डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में डॉक्टर विकास गुप्ता हॉस्पिटल के कर्मचारी और चांडक हॉस्पिटल के कर्मचारी नाम छिपाते रहे। चांडक हॉस्पिटल के डॉक्टर मनीष गट्टानी का कहना था कि हमारे यहां इको कराने आया था, जब इको होता तो नाम पूछते। मृतक का नाम नहीं पता, शायद कोई जैन थे। वहीं डॉ. विकास गुप्ता से जब इस संबंध में बात की गई तो उनके कर्मचारियों ने फोन उठाया और नाम बताने से मना कर दिया।

इनका कहना है
मेरे यहां मरीज इको कराने आया था। स्टॉफ ने जानकारी दी कि बाहर इंतजार कर रहे मरीज की तबियत खराब है। मैं तत्काल उसको देखा। आवश्यक दवाएं दी, लेकिन वह नहीं बच सका। इस पर मृतक के पुत्रों ने हमकर हंगामा किया व अभद्रता की। जबकि मेरी कोई गलती नहीं थी। इस तरह के वर्ताव से मुझे हंगामा करने वालों से कोई शिकायत नहीं है। किसी के पिता की मौत के बाद हंगामा करना भी जायजा था, लेकिन मुझे अफसोस इस बात का है कि गलती न होने पर अभद्रता करना न्यायसंगत नहीं हैं। ऐसे में चिकित्सक सीरियस मरीज के उपचार से परहेज करेंगे।
डॉ. मनीष गट्टानी, चिकित्सक चांडक हॉस्पिटल।

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