कटनी

अनदेखी ऐसी की एक चिंगारी सबकुछ कर देगी खाक, इस शहर में नगर निगम की सामने आई गंभीर लापरवाही

अग्नि हादसों से बचने शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में नहीं कोई इंतजाम, तंग गलियों में हो रहा माचिस गोदाम से लेकर ज्वलनशील सामग्रियों का कारोबार

कटनीMay 25, 2019 / 12:21 pm

balmeek pandey

Rules houses against ways commercial building in katni

कटनी. शुक्रवार को सूरत की एक वाणिज्यिक इमारत में आग के शोलों में तब्दील हो गई। इसमें करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही साथ ही कोचिंग सेंटर में आग की चपेट में आने से दो दर्जन लोग जिंदा जल गए। इस हादसे ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आग से भवनों में जान-माल की हिफाजत के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इसमें सबसे अहम एनबीसी (नेशनल बिल्डिंग कोड) है। इसके तहत भवनों को भूकंप और अग्निकांड से बचाव के नियम बनाए गए हैं। आवासीय, संस्थागत, सभागार, भंडारण, औद्योगिक और व्यावसायिक भवनों को नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नियम के मुताबिक बड़ा कॉम्पलैक्स, स्कूल, अस्पताल तक 12 मीटर चौड़ा मार्ग, आपात स्थिति में भागने के लिए दो रास्ते और बिल्डिंग के कवर एरिया के चारों तरफ छह मीटर का सेटबैक और सीढिय़ों चौड़ाई 1.2 मीटर होनी चाहिए। भवन की ऊंचाई के हिसाब से वॉटर टैंक और आग के बचाव के उपकरण भवन में होना जरूरी है, लेकिन इन सब को धता बताते हुए भवन खड़े हो गए हैं। यह हाल शहर की किसी एक इमारत की नहीं बल्कि हर छोटे बड़ी इमारत की है। पत्रिका ने शुक्रवार को शहर के अधिकांश मार्केट की रिएल्टी चेक की तो हैरानी का ठिकाना न रहा। इन बाजारों में फायर फाइटिंग का इंतजाम तो छोडि़ए, फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों के पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है। कई बाजारों की स्थिति तो ऐसी कि वहां पंप वाले वाहन भी लेकर जाना मुश्किल है। लापरवाही ऐसी कि एक चिंगारी ही सबकुछ खाक कर देगी। इमारत मालिकों सहित नगर निगम व जिला प्रशासन की बेपरवाही शहर को कभी भी आग के शालों में तब्दील कर सकती है। क्योंकि नगर निगम के पास नियम विरुद्ध निर्माण करने वालों की सूची और कार्रवाई का कोई हिसाब ही नहीं है।

शहर में यह है प्रतिष्ठानों की स्थिति
– कपड़ों की छोटी-बड़ी दुकान व शोरूम-2000
– फुटवयेर की दुकान व शोरूम-270
– सराफा के छोटे-बड़े प्रतिष्ठा-130
– परचून और जनरल स्टोर-1200
– तेल-घी के गोदाम व दुकान-30
– इलेक्ट्रॉनिक उपकरण- 550
– छोटे-बड़े होटल व लॉज-60

इन स्थानों पर अधिक समस्या
– पुराना कमानिया गेट से सब्जी मंडी मोड़ तक फैला मार्केट।
– बिलैया तलैया मोड़ से लेकर कारकिल चौक तक का माकेर्ट।
– गोलबाजार से लेकर कारगिल चौक तक का मार्केट।
– सुभाष चौक से लेकर कांच मंदिर तक का मार्केट।
– झूलेलाल मार्केट एरिया सब्जी मंडी रोड गुरुनानक वार्ड।
– सालीमार मार्केट स्टेशन चौराहा के समीप।
– मिर्चीमल गली मुख्य मार्ग स्टेशन रोड।
– कारगिल चौक से गजानन टॉकी रोड।
– झंडा बाजार एरिया संतोषी माता मंदिर के आसपास।
– कपड़ा मार्केट सुभाष चौक ऑटो स्टैंड के समीप।
– घंटाघर से लेकर चांडक चौक तक गलियों का मार्केट।
सुभाष चौक से आजाद चौक तक गलियों में फैला मार्केट।

इन नियमों की हो रही अनदेखी
तंग गलियों में बनी दुकानों में बड़े व छोटे अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच सकेंगे। प्लास्टिक, तेल-घी, माचिस, परचून, फुटवेयर, कपड़ा, सहित कई ज्वलनशील चीजों से बाजार अटा पड़ा है। दुकानों, गोदामों में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं है। बेसमेंट में भी धड़ल्ले से नियमों को ताक में रखकर गोडउन के स्थान पर शोरूप संचालित हो रहे हैं। गिनी-चुनी दुकानों पर फायर इस्टिंग्यूशर की व्यवस्था है। मार्केट में तारों के फैले जाल से रोजाना शॉर्ट सर्किट का खतरा रहता है। सड़क पर पार्किंग, इमरजेंसी के दौरान बच निकलने की जगह का अभाव रहता है।

इन नियमों का पालन जरुरी
– जल्दी निकासी के लिए अतिरिक्त सीढिय़ों का प्रावधान।
– हर कमरे में और पार्किंग क्षेत्र में आग बुझाने वाले यंत्र।
– एलेवेटर, लॉबी और सीढिय़ों में सार्वजनिक पता प्रणाली।
– हर बड़ी मंजिल पर रिफ्यूज क्षेत्र का होना जरुरी।
– हीटहर रसोई में सेंसर का प्रयोग।
– हर वैकल्पिक तल पर आग से बचने के लिए चीट।
– आगजनी से निपटने के लिए डीजल जनरेटर बैक-अप।
– प्रत्येक मंजिल, विद्युत मीटर के कमरे और लिफ्ट मशीन कमरे में पोर्टेबल आग बुझाने वाले।
– विद्युत मीटर के कमरे में धुआं डिटेक्टर, प्रत्येक मंजिल पर मशीन कमरे और लिफ्ट लॉबी, मुख्य द्वार द्वार पूरी तरह से आग प्रतिरोधी होना चाहिए।
– मार्गों में अग्निरोधी निर्माण होना चाहिए और इसके आस-पास कोई ज्वलनशील सामग्री नहीं होनी चाहिए।
– सीढिय़ों धूम्रपान से मुक्त रखने के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएं।
– अपार्टमेट्स को लिंक करने वाले मार्ग और नलिकाओं को मॉनिटर किया जाना चाहिए, क्योंकि किसी भी प्राथमिकीई इनके माध्यम से फैल सकता है।
– आग अलार्म और आपातकालीन प्रकाश व्यवस्था को नियमित रूप से निरीक्षण और बनाए रखा जाना चाहिए।

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