कटनीPublished: Apr 15, 2019 03:01:13 pm
raghavendra chaturvedi
तीन सौ पन्नों की हो गई शिकायत व जांच की फाइल, 1999 में तत्कॉलीन नगरनिगम कर्मचारी ज्वाला गुप्ता के साथ एक निर्माण कार्य में बृजकिशोर पाठक ने सप्लाई की थी 42 हजार रुपये की निर्माण सामग्री
42 हजार रुपये के लिए 20 साल से सरकारी दफ्तर के चक्कर, टीवी सीरियल मुसद्दीलाल से जुदा नहीं इनकी कहानी
राघवेंद्र चतुर्वेदी@कटनी. नगर निगम द्वारा शहर में करवाए जाने वाले निर्माण कार्य के बाद भुगतान में विलंब के एक मामले ने टीवी सीरियल मुसद्दीलाल की कहानी एक बार फिर ताजा कर दी। यहां एक-दो साल नहीं पूरे बीस साल से 42 हजार रुपये के लिए शहर के नागरिक बृज किशोर पाठक नगर निगम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1999 में नगर निगम कर्मचारी ज्वाला गुप्ता के साथ मिलकर निगम का एक काम किया। इसमें 42 हजार रुपये का चीप पत्थर सप्लाई किया। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अचानक हुए एक हादसे में घायल होने के बाद कई महीने तक नगर निगम जाना नहीं हुआ। ठीक होने के बाद भुगतान राशि के लिए नगर निगम जाने पर पता चला कि उनके 42 हजार ज्वाला गुप्ता ने ले लिए हैं। ब्रज किशोर बता रहे हैं कि निगम ने गलत तरीके से ज्वाला गुप्ता को राशि का भुगतान किया, और तब से लेकर अब तक लगातार बीस साल से 42 हजार रुपये के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं।
इन रुपयों के लिए ब्रजकिशोर ने महापौर, विधायक और मंत्री तक से शिकायत की। भुगतान के लिए जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा और स्थानीय स्तर पर जांच की फाइल भी बीस साल में तीन सौ पन्नों की हो गई है। भुगतान राशि प्राप्त करने के लिए बृजकिशोर ने अलग-अलग समय पर जनप्रतिनिधियों से फरियाद की। उनकी तीन सौ पन्नों की फाइल में प्रदेश सरकार में मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय, विधायक गिरिराज किशोर पोद्दार और विधायक संदीप जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का भी पत्र है। जिसमें बृजकिशोर को राशि दिलाने कहा गया है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों ने जांच की, पंचनामा भी बना। तय हुआ कि बृजकिशोर को राशि मिलनी चाहिए, लेकिन अब तक 42 हजार रुपये नहीं मिले। बृजकिशोर कहते हैं कि भले बीस साल से रुपये के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहा हूं। आगे चाहे जितने साल और लग जाएं। पैसे लेकर रहूंगा।
उनकी फाइल देख रहे नगर निगम के पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री आरके शर्मा ने बताया कि 42 हजार रुपये बृज किशोर पाठक को दिए जाने संबंधी फाइल देखी है। दस्तावेज के अनुसार इन्हे राशि मिलनी चाहिए। उच्चाधिकारियों को इनकी समस्या से अवगत करवाकर समाधान की कोशिश की जाएगी।