दरअसल यह पूरा मामला कलेक्टर के गांव दौरे से शुरू हुआ। जब गांव में वेक्सीनेशन का डाटा मांगने पर सीइओ ने पंचायत द्वारा दी गई डाटा उपलब्ध करवा दी। इसमें कुछ त्रुटियां होने के बाद कलेक्टर ने सुधार की बात कही और वैक्सीनेशन के लिए माइक्रो प्लानिंग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने की बात कहकर चले गए।
इस बीच एसडीएम प्रिया चंद्रावत ने मामले को तूल दिया। कलेक्टर के जाते ही एसडीएम ने कई बातें सीइओ को कहीं। बतौर सीइओ एसडीएम ने यहां तक कह दिया कि न जाने जनपद कैसे चलाती हैं। एक नायब तहसीलदार ने नोटिस सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर कर दिया। एसडीएम के नोटिस पर बाबू ने यहां तक कह दिया कि जवाब दे दें। यह सुनते ही सीइओ बिफर गईं और कहा कि हम जिला पंचायत सीइओ को ही जवाब देगें।
इस बीच एसडीएम के रवैये से कलेक्टर को अवगत कराने के लिए सीइओ ने उनसे मिलने का समय मांगा। समय तो नहीं मिला, लेकिन चर्चा इस बात की भी है कि इस इस मामले के बाद जिले के सभी जनपद के सीइओ गुस्से में हैं। कमिश्नर से शिकायत की तैयारी में हैं।