जीवनदायनी की बदलेगा स्वरूप
समय पर बजट प्रावधान हुआ तो शीघ्र ही अब शहर में जीवनदायनी कटनी नदी का स्वरूप बदला नजर आएगा। अमृत पार्ट-2 के माध्यम से गाटरघाट से लेकर मोहनघाट तक नदी संवारी जाएगी। यहां पर पौधरोपण के साथ सौंदर्यीकरण काम कराया जाएगा। दोनों तरफ घाट का निर्माण होगा। एसटीपी बनाए जाएंगे।
योजना को लेकर खास-खास:
- अमृत-2 को 2023-24 तक 100 प्रतिशत करना है पूरा।
- पार्ट-2 में शहर का 25 प्रतिशत शामिल है क्षेत्रफल।
- सीवरेज लाइन में 52.37 करोड़ रुपये है अनुमानित राशि।
- 50 प्रतिशत केंद्र, 50 प्रतिशत राज्य व 10 प्रति ननि का रहेगा अनुदान।
- 7.50 एमएलडी क्षमता का है प्रस्तावित कार्य।
- 21 करोड़ से नालों का सुदृढ़ीकरण, नवीनीकरण होगा शामिल।
पार्ट-1 की यह है दुर्दशा
शहर में अमृत प्रोजेक्ट के पार्ट-1 की स्थिति बेहद दुर्भाग्यूपर्ण है। 219 किमी में से महज 104 किमी सीवर लाइन ठेकेदार द्वारा डाली गई है। वह भी गुणवत्तायुक्त नहीं है। ठेकेदार को टर्मिनेट करने की कार्रवाई चल रही है। अभी ठेकेदार का पक्ष सुना जा रहा है। ठेकेदार केके स्पन प्राइवेट लिमिटेड ने महज 34 प्रतिशत अबतक काम है। बता दें कि 2019 में ठेकेदार द्वारा पूरे शहर में 219 किलोमीटर की सीवर लाइन डालकर तीन एसटीपी बनाते हुए शहर का ड्रेनेज सिस्टम ठीक करना था। 9 हजार 140 हाउस चेम्बर बनाई जाएने थे, अभी तक महत 3553 ही बन पाए हैं। 03 एसटीपी में से एक भी तैयार नहीं हुआ है। ये माधवनगर, कटोघाट मार्ग व कुठला में बनने हैं। इतना ही नहीं 68 किलोमीटर हाउस सर्विस लाइन पर भी काम नहीं हो पाया।
इनका कहना है
शहर में अमृत प्रोजेक्ट-2 के तहत कार्ययोजना तैयार की गई है। सीवर लाइन और पेयजल सप्लाई लाइन के लिए डीपीआर तैयार करने निजी कंपनी द्वारा सर्वे किया जा रहा है। अप्रेल माह में डीजीपीएस सर्वे पूरा कराना है। लगभग सौ करोड़ रुपये की यह कार्ययोजना बनी है।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त ननि।