104 किमी ही डली है लाइन
बता दें कि फरवरी 2019 में ठेकेदार द्वारा पूरे शहर में 219 किलोमीटर की सीवर लाइन डालकर तीन एसटीपी बनाते हुए शहर का ड्रेनेज सिस्टम ठीक करना था। अबतक महज 104 किलोमीटर ही लाइन पड़ी है वह भी पूरी तरह से गुणवत्तायुक्त नहीं हैं। जगह-जगह टूट रहे पाइप, धंस रही लाइन व टूट रही सड़कें इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। 9 हजार 140 हाउस चेम्बर बनाई जाएने थे, अभी तक महत 3553 ही बन पाए हैं।
फैक्ट फाइल
- 108 करोड़ रुपये की बनी थी सीवर लाइन योजना, 34 प्रतिशत ही हुआ है काम, 38 प्रतिशत हो गया है भुगतान।
- 03 एसटीपी में से एक भी नहीं हुआ तैयार, माधवनगर, कटोघाट मार्ग व कुठला में बनने है एसटीपी प्लांट, तीनों जग स्थिति आधी-अधूरी।
- 2018 में शुरू हो गया था लाइन डलने का काम, 68 किलोमीटर हाउस सर्विस लाइन का भी नहीं हो पाया है काम।
- जोन क्रमांक-1 माधनगर, जोन क्रमांक दो लखेरा क्षेत्र, जोन क्रमांक 3 इंद्रानगर पहरुआ क्षेत्र में ही डल पाई है सीवर लाइन, शहर में नहीं शुरू हुआ काम।
- मार्च 2022 तक ठेकेदार को दिया गया था समय, फिर भी नहीं ला रहा था गति, इस प्रोजेक्ट में आयुक्त, कार्यपालन यंत्री, नोडल अधिकारी सहित स्वतंत्र एजेंसी व प्रशासक की सामने आई बेपरवाही।
- बता दें कि इस काम की गिरानी के लिए पीडीएमसी कंपनी एजिज काम देख रही है, जिसे लगभग 3 लाख रुपये हर माह भुगतान हो रहा है, लेकिन इस कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यह हो चुका है गंभीर हादसा
26 सितंबर 2021 को कुठला थाना क्षेत्र अंतर्गत पन्ना नाका के पहले बन रहे सीवर लाइन ट्रीटमेंट प्लांट के गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इसमें रामदास बेन के 7 और 8 साल के बेटा-बेटी डूब गए थे। ठेकेदार की गंभीर लापरवाही सामने आई, लेकिन प्रभावी कार्रवाई आजतक नहीं हुई। हैरानी की बात तो यह है कि इस हादसे के बाद से लगभग पूरे शहर का काम सीवर लाइन का बंद पड़ा है। कटायेघाट मार्ग पर पुलिया के समीप बन रहे एसटीपी प्लांट में भी जमकर बेपरवाही बरती जा रहा है। पूरा गड्ढा खुला हुआ पड़ा है, जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
यह होगी ठेकेदार पर कार्रवाई
25 मई को केके स्पन कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार शेष बचे कार्य के लिए रिटेंडर की प्रक्रिया होगी। पुराने ठेकेदार की बैंक गारंटी का नकदीकरण होगा। सुरक्षा निधि 15 करोड़ रुपये जमा है, वह नगर निगम के पास आएगी। 35 करोड़ रुपये के लगभग ठेकेदार को भुगतान भी किया जा चुका है। बता दें कि 5 करोड़ रुपये परफामरमेंस गारंटी, 5 प्रतिशत सुरक्षा निधि, मोबलाइजेशन जमा है वह कटेगा। फरवरी 2017 में हुआ था वर्क ऑर्डर, 2019 में खत्म होना था काम, विवादित स्थितियों के कारण समय सीमा बढ़ाकर मार्च 22 तक का समय दिया गया था, इसके बाद भी नहीं थी कोई प्रगति।
इनका कहना है
शहर में सीवर लाइन का काम करने वाली केके स्पन कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया है। फिर से काम का मूल्यांकन कराया जा रहा है। रिपोर्ट के बाद रिटेंडर की कार्रवाई होगी, ताकि शीघ्र ही सीवर लाइन डले और अमृत योजना पर बेहतर काम हो सके। वहीं ठेकेदार की जो राशि जमा है उसका नकदीकरण कराते हुए नगर निगम कोष में जमा कराया जाएगा।
शैलेष जायसवाल, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।