ऐसे परिवारों का बैंक से फाइनेंस प्रक्रिया पूरी होने के बाद किश्त भी चालू हो गई है। इधर, एक साल बाद भी काम पूरा नहीं होने को लेकर अब ठेकेदार फर्म के कर्मचारी नगर निगम से भुगतान नहीं होने की बात कह रहे हैं। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार फर्म ने निर्धारित अवधि में काम ही पूरा नहीं किया। इन सबके बीच जरूरतमंद परिवारों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार के बीच तालमेल नहीं होने का खामियाजा उन्हे भुगतना पड़ रहा है।
इधर इस पूरे मामले को लेकर नगर निगम के कंसलटेंट एजेंसी प्रभारी पंकज गोयल तकनीकी समस्या के कारण काम बंद होने की बात कह रहे हैं। दूसरी ओर नोडल अधिकारी पीएम आवास एचके त्रिपाठी भुगतान की समस्या के कारण ठेकेदार द्वारा काम नहीं करने की बात कही जा रही है। ठेका फर्म के कर्मचारी बलराम बताते हैं कि राशि नहीं मिलने के कारण काम की गति नहीं बढ़ पा रही है।
ऐसे टूट रहे परिवारों के सपने
झिंझरी में फेज-1 के 1512 फ्लैट 30 मई 2019 को बनकर तैयार हो जाने थे। इसमें इडब्ल्यूएस के 792 मकान में जी/पी+3 व एलआइजी के 384 और पी+6 व एमआइजी के 336 मकान का निर्माण भी शामिल हैं। निर्माण में विलंब के कारण स्वयं के घर सपना संजोए परिवारों को निराशा हाथ लगी है।
– 113.05 करोड़ रूपये की परियोजना में टेंडर व एग्रीमेंट लागत मिलाकर कुल योजना 117.46 करोड़ रुपये तय की गई है।
– 30 नवंबर 2017 से निर्माण कार्य शुरू हुआ। 18 माह में होना था काम पूरा। अवधि बढ़ाने के बाद भी इसकी मियाद 29 मई को हुई पूरी।
– 79 सौ वर्गमीटर जमीन झिंझरी में बेचकर प्रोजेक्ट के लिए राशि जुटाना है। नगर निगम द्वारा निर्माण का काम बीआरपी एसोसिएट को दिया गया है।