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देवास की शैफी अब कटनी में ढंूढ़ेगी बम, वीआइपी दौरों की होगी जिम्मेदारी

locationकटनीPublished: Jul 14, 2019 05:30:48 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

जिले में पदस्थ ट्रेकर डॉग डोना का कटनी से सिवनी, स्नाइफर डॉग जिया का देवास हुआ तबादला, प्रदेश सरकार के पुलिस विभाग ने कुत्तों के साथ हैंडलरों का भी किया तबादला
 

Shafi of Dewas will now find bombs in Katni

हैंडलर मकसूद के साथ जिया।

कटनी. जिले में आने वाले वीआइपी की सुरक्षा और बम होने की आशंका दूर करने की जिम्मेदारी अब देवास जिले से आने वाली स्नाइपर डॉग शैफी के कांधों पर होगी। यह जिले में पदस्थ जिया की जगह लेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार में कलेक्टर, एसपी, टीआई सहित समस्त विभागों में तबादलों का दौर जारी है। ऐसे में पुलिस विभाग के कुत्तों का भी तबादला किया गया है। शुक्रवार को पीटीएस डॉग 23वीं वाहिनी विसबल भोपाल से हैंडलरों की डॉग समेत नई पदस्थापना सूची जारी की गई है। जिले में लूट, चोरी, हत्या सहित अन्य बड़ी घटनाओं में आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस की मदद करने वाली ट्रेकर डॉग डोना का सिवनी तबादला कर दिया गया है। उसके साथ हैंडलर नरेंद्र विष्ट को भी सिवनी भेजा गया है। हालांकि डोना की जगह प्रदेश सरकार ने किसी और की पदस्थापना नहीं की है। इसी तरह से जिले में आने वाले वीआइपी और वीवीआईपी की सुरक्षा व बम होने की अफवाह को दूर करने वाली स्नाइपर डॉग जिया को देवास भेजा गया है। उसके स्थान पर देवास की शैफी जगह लेगी। हैंडलर मकसूद की जगह प्रशिक्षक विद्याशंकर तिवारी को भी देवास से कटनी भेजा गया है।

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IMAGE CREDIT: dharmendra

पुलिस विभाग में ऐसी होती डॉग की पदस्थापना
विस्फोटकों की जांच व किसी आपराधिक घटना में सुराग लाने के काम में लाए जाने वाले डाग स्क्वायड में शामिल कुत्तों को कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है। एक कुत्ते को ट्रेंड करने में सरकार के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। नौ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। कुत्ते को इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है कि वह हर परीक्षा में पास हो जाए। इसके बाद ही उसे जिले के लिए आवंटित किया जाता। बतादें कि कुत्तों का तबादला 10 साल में किया जाता है। इस बार प्रदेश सरकार ने सात साल में किया है। प्रशिक्षक मकसूद खान ने बताया कि जिया 9 साल की हो गई है। जबकि डोना की उम्र 10 साल की हो गई। इधर, अचानक से हुए तबादले के बाद डॉग हैंडलर भी परेशान। हैंडलरों का कहना है कि तबादला होने के बाद अब फिर से नई जगह में बच्चों का दाखिला कराना पड़ेगा। परेशानी होगी।

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