इन्होंने रखी अपनी बात
झूलेलाल सेवा मंडल की तरफ से लॉकडाउन में 90 हजार लोगों को भोजन दिया गया, 8 हजार मास्क बांटे गए। सेनेटाइज कराया गया। बाइपास पर प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी दिया गया। 4-5 दिन जूता-चप्पलों का वितरण किया गया। आगे भी हमेशा मदद जारी रहेगी।
झम्मटमल ठारवानी, सिंधी समाज।
वैश्विक महामारी के चलते शहर और जिले में काफी उद्योग और कारोबार प्रभावित हुए हैं। बावजूद इसके सिंधी समाज चुनौतियों का सामना करते हुए न सिर्फ आगे बढ़ रहा है बल्कि लॉकडाउन में जरुरमंद की मदद की। सब मिलकर शहर को आगे बढ़ाने प्रयास करेंगे।
मोहन बत्रा, सिंधी समाज।
महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आवश्यक है। कहीं पर भी चूक की गुंजाइश नहीं रखनी है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर किसी को मिलकर प्रयास करना होगा। सभी शहर को सुंदर, स्वच्छ, स्वस्थ और विकसित बनाने पहल की जाएगी।
पीताम्बर टोपनानी, सिंधी समाज।
कोराना वायरस के कारण लॉकडाउन में समाज के हर सदस्य ने महती भूमिका निभाई है। जान की बाजी लगाकर लोगों की सेवा की है। अब शहर में जिनकी रोजी-रोटी छिन गई है अब उनको वापस रोजगार दिलाने के लिए हम सबके द्वारा मिलकर पहल की जाएगी।
विजय रोहरा, सिंधी समाज।
लॉकडाउन में पूरा कारोबार प्रभावित रहा है। इसके बाद भी सिंधी समाज बेसहारा, जरुरतमंदों की सेवा में जुटा रहा। बेरोजगारों को रोजगार दिलाने समाज के लोग पूरी शिद्दत से काम करेंगे। बीमारी से कैसे बचना है और संकट से उबरना है इसपर पहल की जाएगी।
चेतन हिंदूजा, सिंधी समाज।
हम सभी समाज के लोगों ने सेवा कार्य करने का संकल्प लिया था, जरूरतमंदों की मदद के लिए रसोई का संचालन किया, भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया। आगे भी सेवा जारी रहेगी। लोगों को रोजगार मिले, स्वरोजगार से जुड़ें यह हम समाज के लोग मिलकर प्रयास करेंगे।
डॉ. प्रेम जसूजा, सिंधी समाज।
लॉकडाउन में पीडि़त मानवता की सेवा के लिए सिंधी समाज ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रतिदिन गरीब, जरुरतमंदों को भोजन वितरण, राशन, किराना के अलावा गृहस्थी का जरुरी सामान पहुंचाया। जागरुकता को लेकर भी पहल की। आगे भी सेवा जारी रहेगी।
पायल जेतवानी, सिंधी समाज।
कोरोना वायरस अभी जल्दी समाप्त नहीं होने वाला ऐसा वैज्ञानिकों व चिकित्सकों का कहना है। ऐसे में हमें विशेष सावधानी रखते हुए आगे बढऩा होगा। हर इकाइयों को नियमों का पालन कराते हुए चालू करानी होगी। समाज के लोग शहर को आगे बढ़ाने प्रयास करेंगे।
प्रीतम तनवाणी, सिंधी समाज।
समाज का वह वर्ग भी इस महामारी के दौरान प्रभावित हुआ है जो छोटे-मोटे कारोबार से जुड़ा था। ऐसे लोगों के समक्ष जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है। बेरोजगार हुए लोगों को नए परिवेश के साथ कारोबार और रोजगार दिलाने में समाज के लोग पूरी मदद करेंगे।
रूपेश खूबचंदानी, सिंधी समाज।
सिंधी समाज की संस्थाओं ने इस आपदा काल में हर व्यक्ति की मदद के लिए तत्परता दिखाई है। नई चुनौतियों का सामना किया। समाज पूरी कोशिश करेगा कि नई चुनौतियों के लिहाज से हम अपने आप को तैयार कर सकें। शहर को आगे बढ़ाने विशेष प्रयास करेंगे।
रवि पृथ्यानी, सिंधी समाज।
लॉकडाउन में झूलेलाल सेवा मंडल, सिंधी भवन, वरुण संस्था सहित अन्य विंगों द्वारा लगातार सेवा की गई। भोजन, राशन, किराना वितरण का काम किया गया। आगे भी जो जरुरत होगी समाजसेवा करने को हम सभी तैयार हैं। पत्रिका की यह पहल सराहनीय है।
खियल चावला, सिंधी समाज।
महामारी के कारण लॉकडाउन चला, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। इस दौरान भोजन, राशन आदि की व्यवस्था कर जरुरतमंदों की परेशानी को काफी कम किया गया है। अब उन्हें रोजगार मिले, आर्थिक सशक्त हों इस दिशा में समन्वित प्रयास किए जाएंगे।
अजीत आसरानी, सिंधी समाज।
लॉकडादन में पीडि़त, जरुरतमंद, प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सिंधी समाज के आधा दर्जन से अधिक संगठन सक्रिय रहे हैं। पीडि़त मानवता की सेवा की है। अभी भी जारी है। अब शहर को संकट से उबारने पहल की जाएगी, ताकि शहर बीमारी के बाद बदल सके।
सुनील तलूजा, सिंधी समाज।