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साथ में बैठकर दोस्तों ने पी स्मैक, जरा सी बात पर कर दिया साथी का कत्ल, अब हुआ ये

locationकटनीPublished: Dec 08, 2017 11:44:42 am

Submitted by:

dharmendra pandey

4 साल बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

murder of the companion

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कटनी. जिले के चर्चित विनय त्रिपाठी हत्याकांड में 4 साल बाद गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाया। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश एसके श्रीवास्ताव की अदालत ने हत्या में शामिल दोनों दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
अपर लोक अभियोजक केके पांडे ने बताया कि दीपक उर्फ दीपू सिंह (20) व लब्बू उर्फ गजाधर निषाद (21) वर्ष निवासी गांधीगंज और विनय कुमार त्रिपाठी (34 आपस में दोस्त थे। 3 जून 2014 को दोस्तों के बुलाने पर विनय घर से बाजार जाने के लिए निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। 4 जून को कोतवाली थाना में परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 5 जून शाम 5 बजे नई बस्ती विनायक होटल के पीछे खंडहर में विनय का शव मिला। लगभग 48 घंटे बाद मिले शव से दुर्गंध आ रही थी। शव मिलने के बाद पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई की, पीएम करवाया और मामले की पुलिस ने जांच शुरू की। आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था।

तीनों थे स्मैक के आदी:
लोक अभियोजक पांडे ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि दीपक व गजाधर ने १२ हजार रुपये के विवाद पर साथी विनय त्रिपाठी के सीने पर गोली मार दी थी। इसके बाद पत्थर पटकर दिया था। उन्होंने बताया कि दीपक, गजाधर व विनय त्रिपाठी तीनों लोग स्मैक का नशा करते थे। २९ मई २०१४ को तीनों लोगों ने नशा किया। इस दौरान दीपक की जेब से १२ हजार रुपये चोरी हो गए थे। दूसरे दिन दीपक ने जब पूछताछ की तो विनय मुकर गया।
साथ बैठकर किया नशा, फिर ले ली जान
३ जून को दीपक ने फोन कर विनय को विनायक होटल के पीछे नशा करने के लिए बुलाया। इस दौरान दीपक अपने साथ पिस्टल लेकर आया था। तीनों ने एक साथ नशा किया और उसके बाद दीपक ने रुपये चोरी होने की बात छेड़ दी। जिसमें तीनों के बीच विवाद हो गया। गुस्से में आकर दीपक ने विनय को गोली मार दी और लब्बू ने पास ही रखे पत्थर को उसके सिर पर पटक दिया। पुलिस ने मामले में आवश्यक कार्रवाई कर उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमें साक्ष्यों व बयानों के आधार पर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। वही एक अन्य आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसे पहले ही किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष अलग से अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया है।
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