लोक अभियोजक पांडे ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि दीपक व गजाधर ने १२ हजार रुपये के विवाद पर साथी विनय त्रिपाठी के सीने पर गोली मार दी थी। इसके बाद पत्थर पटकर दिया था। उन्होंने बताया कि दीपक, गजाधर व विनय त्रिपाठी तीनों लोग स्मैक का नशा करते थे। २९ मई २०१४ को तीनों लोगों ने नशा किया। इस दौरान दीपक की जेब से १२ हजार रुपये चोरी हो गए थे। दूसरे दिन दीपक ने जब पूछताछ की तो विनय मुकर गया।
साथ बैठकर किया नशा, फिर ले ली जान
३ जून को दीपक ने फोन कर विनय को विनायक होटल के पीछे नशा करने के लिए बुलाया। इस दौरान दीपक अपने साथ पिस्टल लेकर आया था। तीनों ने एक साथ नशा किया और उसके बाद दीपक ने रुपये चोरी होने की बात छेड़ दी। जिसमें तीनों के बीच विवाद हो गया। गुस्से में आकर दीपक ने विनय को गोली मार दी और लब्बू ने पास ही रखे पत्थर को उसके सिर पर पटक दिया। पुलिस ने मामले में आवश्यक कार्रवाई कर उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमें साक्ष्यों व बयानों के आधार पर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। वही एक अन्य आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसे पहले ही किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष अलग से अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया है।
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