-जिले में बनाए जाने था पांच हॉकर्स जोन-चार हॉकर्स जोन का निर्माण ठंडे बस्ते में-स्ट्रीट वेंडर्स परेशान, कभी भी चल जाता है अतिक्रमण विरोधी अभियान
हॉकर्स जोन
कटनी. स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कभी इस जिले में हॉकर्स जोन बनाने की योजना बनाई गई थी। योजना के तहत पांच हॉकर्स जोन बनाए जाने थे। लेकिन इसमें एक ही बन सका। वो भी दुर्दशाग्रस्त है, लिहाजा स्ट्रीट वेंडर्स उसके सामने पटरी पर दुकान लगाने को विवश हैं। लेकिन हर स्ट्रीट वेंडर यह चाहता जरूर है कि जिले में पांच ही नही उससे ज्यादा हॉकर्स जोन का निर्माण हो ताकि उन्हें किसी तरह की दुविधा का सामना न करना पड़े। ऐसे तो जब-तब नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम निकलती है और अतिक्रमण के नाम पर इन स्ट्रीट वेंडर्स का सारा सामान तहस-नहस कर उन्हें दाने-दाने को मोहताज कर देती है। ऐसे में जिले के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों ने आयुक्त नगर निगम से पुरानी योजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने की मांग की है।
कहां तो पुराने आरटीओ के पास हाकर्स जोन बनाए जाने की शुरुआत ने छोटे व्यापारियों को बाग-बाग कर दिया था। उनमें उम्मीद जगी थी कि जल्द ही चार अन्य स्थानों पर हॉकर्स जोन बन जाएंगे तो उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। वो वैधानिक रूप से अपना कारोबार कर पाएंगे। लेकिन वह योजना धरी की धरी रह गई। अब हॉकर्स जोन के निर्माण में आए गतिरोध के बाद व्यापारियों की चिंता है कि ये योजना भी पूरी तरह से ठंडे बस्ते में न चली जाए।
अह हाकर्स जोन न बनने से छोटे व्यापारी जो सड़क पर कपड़े की दुकान लगाते हैं। उन्हें परेशानी हो रही है। नगर निगम ने हाकर्स जोने के लिए 5 स्थान चिन्हित किए हैं। नगर निगम की आबादी करीब 2 लाख है। इस समय दो लाख की आबादी के हिसाब से नगर में पांच हॉकर्स जोन भी कम थे, लोगों की मांग रही कि शहर में कुछ और जगह चिह्नित कर हॉकर्स जोन की सुविधा बढ़ाई जाए। लेकिन अब तो पहले वाले पांच हॉकर्स जोन की भी उम्मीद खत्म ही नजर आ रही है।
व्यापारी कहते हैं कि हम फुटपाथ पर दुकान लगा कर छोटी-मोटी कमाई करते हैं लेकिन ये दुकानें कब तक रहेंगी इसका भी कोई ठिकाना नहीं। कभी भी अतिक्रमण विरोधी मुहिम शुरू हो जाती है। ऐसे में छोटा व्यापारी जाए तो कहां जाए। सब्जी विक्रेता सुखमनी का कहना है कि बिना हॉकर्स जोन बनाए अतिक्रमण विरोधी अभियान कतई नहीं चलना चाहिए।
बता दें कि शहर में माधवनगर, खिरहनी, बसस्टैंड, कृषि उपज मंडी, मुड़वारा आदि क्षेत्रों में हॉकर्स जोन के लिए जगह चिह्नित की गई थी। ये तब का मामला है जब नगर निगम की स्थापना हुई थी। लेकिन तब से अब तक कई मेयर व पार्षद आए व चले गए मगर योजना जहां की तहां अटकी पड़ी है। नतीजा अभी तक शहर में हाथ ठेले से ही व्यापार हो रहा है।