क्षेतिदार कैम्पिन पीक फतह के सफर की शुरुआत हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, आइस एक्स-क्लाइंबिंग, रेस्क्यू तकनीक, सेल्फ अरेस्ट, ग्रुप अरेस्ट आदि का प्रशिक्षण लेते हुए की। प्रारंभ में सोलांग हिल की 21 किमी की चढ़ाई की। सोलंग हिल की चढ़ाई के बाद बकर्ताच बेस कैंप के प्रवेश स्थल से बखीम ट्रेक के दौरान 30 किलो के वजन के साथ 7 घण्टे का लगातार सफर तय करने के बाद 12000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे। बकरताच कैंपिन बेस कैंप से रोजाना आइस क्राफ्ट ,स्नो क्राफ्ट और और रेस्क्यू क्रिवेस जैसी ट्रेनिंग के लिए 10000 फीट की ऊंचाई तय कर ट्रेनिंग में मनाली 26 दिन का कैंप किया और क्षेतीदार कैंपिन 16730 फ़ीट ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराया ।
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कई चुनौतियां आईं पर ट्रेनिंग नहीं रुकी- अमित
बेसिक माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट मनाली में ट्रेनिंग कर 26 दिन के बाद उन्होंने बताया कि पानी, स्नोफॉल और कोहरे छा जाने के बाद भी ट्रेनिंग नहीं रुकी। अमित विश्वकर्मा ने पहले भी पतालसू पीक सबमिट की थी। इस बार क्षेतीदार कैंपिन पीक फतेह कर कटनी का गौरव बढ़ाया और देश का झंडा सबसे ऊंची चोटी पर फहराया।