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बच्चों को टॉफी खरीदने के लिए भी नहीं होते थे पैसे, सोच बदली और इन महिलाओं ने खड़ा कर लिया खुद का बिजनेस, देखें वीडियो

locationकटनीPublished: Aug 04, 2018 01:05:04 pm

Submitted by:

balmeek pandey

महिलाओं के हाथ से छूटी मजदूरी, स्वयं का खड़ा कर लिया बिजनेस, ग्रामीण अजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं दे रहीं स्वरोजगार को बढ़ावा

Soap was made by women groups in katni

Soap was made by women groups in katni

कटनी. कोई रुपयों की तंगी से परेशान तो कोई मजदूरी के लिए काट रहीं चक्कर, कभी मजदूरी न मिलने पर चेहरे पर निराशा के भाव, कई बार रुपयों के अभाव में बच्चों की जरुरतें न पूरी कर पाने का मलाल तो कभी गृहस्थी की सामग्री के लाले…। लेकिन सोच बदली, एकजुटता दिखा और नेक इरादे के साथ कदम बढ़ाया और सफलता को अपने नाम कर रहीं हैं। महिलाओं के इस प्रदर्शन से घर की माली हालत तो ठीक हो ही रही है साथ ही हाथों से मजदूरी भी छूट गई है। अब स्वयं का बिजनेस होने से अपने तकदीर को बदलने की राह पर जिले की महिलाएं निकल पड़ी हैं। इतना ही नहीं वे अब जिले के लिए मिसाल बनतीं जा रही हैं। सफलता की यह कहानी है गुलवारा निवासी रामा स्व सहायता समूह की। यहां की 12 महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रही हैं। ये महिलाएं न सिर्फ स्वयं स्वरोजगार से जुड़ गई हैं बल्कि औरों को भी प्रेरित कर रहीं हैं। केंद्र और रारकार सरकार द्वारा महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने और स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। उन्हीं में से एक है एनआरएलएम की यह योजना। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं। इस संस्था का उददेश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोडऩा और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए उनकी गरीबी दूर करना है। महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए एनआरएलएम की डीपीएम शबाना बेगम, रवि परस्ते सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मोटिवेट किया जा रहा है।

ग्रुप में तैयार कर रहीं साबुन
मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत जनपद पंचायत कटनी के ग्राम गुलवारा में महिलाओं ने एक समूह बनाया है। रामा स्व सहायता 12 गांव की महिलाएं जुड़ी हुई हैं। अध्यक्ष त्रिवेणी हल्दकार और सचिव गंगा यादव के नेतृत्व में सफलता की कहानी गढ़ रहीं हैं। समूह का गठन कर ये 12 महिलाएं साबुन का उत्पादन कर रहीं हैं। मिशन के तहत महिलाओं ने पहले माह में 12 हजार रुपए की ग्रेडिंग राशि प्राप्त की है।

ऋण लेकर शुरू किया काम
अध्यक्ष त्रिवेणी हल्दकार ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत उन्हें साबुन निर्माण शुरू करने व कच्चे मटेरियल मंगवाने के लिए रुपयों की जरुरत थी। महिलाओं को इसके लिए 2 लाख रुपए का ऋण दिया गया है। साबुन निर्माण करने के लिए महिलाओं को शहडोल से आईं महिलाओं द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ये वे महिलाएं हैं जो पूर्व से साबुन का उत्पादन कर रहीं हैं। साबुन निर्माण के लिए सामग्री अहमदाबाद से पहुंच रही है।

स्कूलों में हो रही साबुन की सप्लाई
समूह द्वारा तैयार की गईं साबुनों की सप्लाई अभी जिले के प्राथमिक स्कूलों को सप्लाई की जा रही है। इसमें बच्चों को हाथ धुलाई सहित रसोसियों को बीआरसी के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। महिलाओं को एक साबुन में लागत 15 रुपए 50 पैसे आ रही है और इसकी बिक्री 18 रुपए की ओ रही। महिलाओं को लागत कम लगे और मुनाफ अधिक हो इसके लिए भी कार्ययोजना तय की जा रही है। शीघ्र ही साबुन की सप्लाई शहर सहित अन्य जिलों में होगी।

सीएम ने भी की तारीफ
जन आशीर्वाद यात्रा के तहत कटनी पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी महिला स्वालंबन के लिए हो रहे काम पर कलेक्टर केवीएस चौधरी की तारीफ की। विजयराघवगढ़ में सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि मैं कटनी कलेक्टर के तारीफ करता हुं की महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष पहल कर रहे हैं। महिलाएं भी स्वरोजगार से जुड़ रहीं हैं।

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