गल्ला बाजार में सबसे ज्यादा मनमानी
झंडा बाजार में बड़ी मात्रा में किराना व सब्जी की दुकान हैं। दुकान सुबह से खुलती हैं। यहां पर हर दिन खरीदारी के लिए शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र से रेला उमड़ता है। सुरक्षा के मद्देनजर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए यहां पर पुलिस के जवान भी मौजूद रहे, लेकिन यह जवान सिर्फ यहां पर बैठे व घूमते नजर आए। थोड़ा बहुत वाहनों को यहां से वहां कराते दिखे बस। किसी ने भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए नहीं कहा। सुबह से लेकर दोपहर तक बेपरवाही जारी रही।
थोक बाजार के भी रहे हाल बेहाल
यह नजारा सिर्फ फुटकर व्यापार क्षेत्र में ही रहे बल्कि थोक बाजार में भी यही हालात रहे। जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी। घंटाघर सर्राफा से बताशा गली, चांडक चौक से लेकर गर्ग चौराहा तक खुलने वाली थोक दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। लोग यहां सिर्फ व्यापार करने में ही मशगूल दिखे। खरीदारी करने पहुंचे व्यापारी भी जान को लेकर फिक्रमंत नजर नहीं आए।
किराना दुकानों में ना सुरक्षा घेरा न सर्कल
शुरुआती दौर से ही पुलिस प्रशासन यह दावा कर रही है कि किराना सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री की खरीदारी के लिए व्यापारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए सुरक्षा घेरा एवं सर्कल बनाए गए हैं, लेकिन सुभाष चौक से लेकर झंडा बाजार तक खुलने वाली किराना दुकानों में कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं दिखा। लोग सामग्री खरीदारी के लिए जान जोखिम में डालते रहे, जबकि सामान्य दिनों में इस तरह से भीड़ नहीं रहती। लॉकडाउन के दौरान सुबह सुबह दुकान खोले जाने की इस प्रक्रिया से और एक साथ ज्यादा लोग एकत्रित हो रहे हैं और संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।