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छठ पर्व: उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, पुत्र की लंबी उम्र, अखंड सौभाग्य के साथ मांगी सुख-समृद्धि, वीडियो में देखें अद्भुत नजारा

locationकटनीPublished: Nov 14, 2018 12:12:26 pm

Submitted by:

balmeek pandey

बाबाघाट, छपरवाह घाट, कटायेघाट व बजरंग कॉलोनी में श्रद्धालुओं ने किया विशेष आयोजन

Special arrangement of Chatha Puja in Katni

Special arrangement of Chatha Puja in Katni

कटनी. छठी माई के महिमा अपार…, केलवा के पात पे उगेलन सुरजम, छठी मईया के दिहल ललनवा, हे छठी मैया, उठा सूरज भैले बिहान, कईसे करबु छठी माई के वरतीया, छठी ताई के पूजनवा। छठी मैया की आराधना के इन गीतों के साथ मंगलवार को भगवान भुवन भास्कर की उपासना व छठ का महापर्व उत्तरभारतियों द्वारा पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। आस्था के महापर्व छठ की छटा मंगलवार की शाम शहर के गायत्री नगर स्थित बाबाघाट, छपरवाह घाट मंगलनगर, कटायेघाट, बजरंगधाम कॉलोनी में देखने को मिली। लोगों ने परिवार के साथ घरों से छठी मैया की पालकी निकाली। जो घाट में विराजमान की गई। छठ पर निर्जला व्रत रहने वाली महिलाओं ने डूबते सूर्य को अघ्र्य देकर भगवान सूर्य और छठी मैया से सुख-समृद्धि के लिए कामना की। छठ पर्व के बारे में माना जाता है कि यह पर्व संतान सुख प्रदान करने वाला है। मान्यता है कि सूर्य की बहन छठी देवी बच्चों की रक्षा करती है। माताओं ने संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए कामना की। आधुनिकता के दौर में पूजन के दौरान किसी ने सोशल मीडिया में लाइव नाजारा दिखाया तो किसी ने सेल्फी और ग्रूफी मोबाइल में कैद की।

उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर किया छठ व्रत का पारण
उत्तर भारतीयों का प्रमुख त्योहार छठ धूमधाम से मनाया गया। बाबा घाट, छापरवाह घाट, कटाये घाट में छठ पर्व का विशेष आयोजन किया गया। मंगलवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर के बुधवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर के व्रत का पारण किया गया। छठी मैया को देकर उनका पूजन करके बच्चों की लंबी उम्र अखंड सौभाग्य एवं सुख समृद्धि की कामना की गई। नदी घाटों पर महिला पुरुषों के साथ बच्चे पहुंचे जहां पर छठी मैया की आराधना कर बच्चों की लंबी उम्र, अखंड सौभाग्य एवं सुख समृद्धि की कामना की गई। बाबा घाट में पूर्वांचल सांस्कृतिक समिति के द्वारा विशेष आयोजन किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर भावेश कुमार सिंह, अशोक पाठक, वीरेंद्र वर्मा, राम पाठक, डॉक्टर श्रीराम पाठक, आलोक, गिरीराज किशोर पोद्दार, भगवान दास महेश्वरी, प्रसाद रमेश शुक्ला एवं पूर्वांचल सांस्कृतिक सेवा समिति के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।

गन्ने का मंडप बनाकर किया पूजन
छठ पूजा पर घाटों में गन्ने के सुंदर मंडम तैयार किए गए। व्रती महिलाओं ने बांस का सूप सजाया। इसमें साड़ी, नारियल, सब्जी, कपड़े, फल सहित ठेकुआ पकवान व अन्य सामाग्री रखकर छठी मैया को समर्पित किया। महिलाओ ने जल में प्रवेश कर भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया। धूप-दीप नैवेद्य से पूजन किया। व्रतधारियो ने नए कपड़े पहने। छठ महापर्व में व्रती गेहूं के आटे से बना ‘ठेकुआ’ का प्रसाद तैयार किया। ठेकुआ को ही छठ पूजा का विशेष प्रसाद माना जाता है इसे काफी सावधानी, नियम और पवित्रता के साथ तैयार किया। पर्व लेकर घरों में दिनभर तैयारी का दौर चला। दोपहर से ही घाटों पर बांस के सूप, टोकनी, दौरी आदि को सजाकर लोग घाट पर पहुंचे।

बच्चों ने मेले का उठाया लुत्फ
शहर के बाबाघाट, छपरवाह घाट में मेले का आयोजन किया गया। यहां पर गृहस्थी के सामान सहित बच्चों के खिलौने और साज-सज्जा की दुकानें सजी रहीं। बच्चों ने यहां पर मिकी माऊस, झूले आदि का जमकर लुत्फ उठाया। पर्व पर युवाओं द्वारा जमकर आतिशबाजी की। पूर्वांचल सांस्कृतिक समिति द्वारा साज-सज्जा, बैठक, पार्किंग सहित पूजन के लिए विशेष इंतजाम किए गए। वहीं पूजन घाटों में नगर निगम द्वारा विशेष इंतजाम किए गए। साफ-सफाई सहित पेयजल आदि की व्यवस्था की गई थी। विद्युत विभाग द्वारा प्रकाश की व्यवस्था की गई। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सभी घाटों पर पुलिस अमला मौजूद रहा।

 

 

 

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