स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी आदेश जैन के अनुसार प्रशासक प्रियंक मिश्रा एवं निगमायुक्त सत्येंद्र सिंह धाकरे के मार्गदर्शन में तय मापदंडों के अनुरूप नगर की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए निगम के विभिन्न अधिकारिकयों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। निगम क्षेत्र के सभी घरों से कचरे का संग्रहण एवं पृथकीकरण व आइसीटी आधारित मॉनिटरिंग करने, सार्वजनिक-व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई एवं कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने, नाला, नालियों पर अपशिष्टरोघी जालियां लगाने के साथ शहर को अतिक्रमण मुक्त रखने, जल संरचनाओं के पास के अपशिष्ट निस्तारण, साफ-सफाई, सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय एवं मूत्रालयों कों ओडीएफ प्लस-प्लस के मापदंड अनुसार रखने, घरों एवं संस्थानों से निकलने वाले सूखे-गीले कचरे को कम करने, पर्यावरण को साफ एवं स्वच्छ बनाने सहित जीएफसी संबंधित कार्य, प्लास्टिक प्रतिबंधित सूचना-स्पाट फाइन आदि के निर्देश दिए गए हैं।
नगर की सफाई व्यवस्था में निरंतर कार्यरत निगम के स्वच्छता दूतों को पीपीई किट उपलब्ध कराने, पात्रतानुसार शासकीय योजनाओं से जोडने, प्रतिमाह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का सम्मान करने सहित क्षमता वर्धन के लिए शत प्रतिशत सेनेटरी कर्मचारियों का प्रशिक्षण पात्रतानुसार ई-लर्निग कोर्स कराने, बायो मैट्रिक उपस्थिति के माध्यम से कर्मचारियों को सुविधाएं मुहैया कराये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
निगमायुक्त ने नगर की सफाई व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता एप डाउनलोड कराने, एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का तय सीमा में निराकरण करने के साथ शिकायतकर्ता को प्रतिपुष्टि करने के निर्देश दिए गए। सर्वेक्षण 2021 से संबंधित विषयों पर विभिन्ना प्रतियोगिताओं का आयोजन, निकाय क्षेत्र में नागरिकों की भूमिका, अपनाए गए नवीन नवाचार आदि की जानकारी स्वच्छता संबंधी बैनर पोस्टर, सोशल मीडिया चैनल के माध्यम से अपलोड किये जाने, शहर के होटल, अस्पतालों, स्कूलों, मार्केट, रहवासी कल्याण संघों में गाइडलाइन अनुसार सभी कैटेगिरी में रेंकिंग आयोजित करने, विभिन्ना माध्यमों से शहरी सौन्दर्यीकरण, मलिन बस्तियों सार्वजनिक फ्लाईओव्हर सौदर्यीकरण, को प्राथमिकता देने, सिटीजन फीडबैक के 6 माध्यम से पूछे जाने वाले 7 प्रश्नों पर नागरिकों का फीडबैक लिये जाने, नागरिकों एनजीओआरडव्ल्यूएस निजी क्षेत्र सीएसआर द्वारा अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग, जल संरक्षण, वर्षाजल प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, रिसायकल, रिड्यूस एवं रिफयूज सिद्धांत पर नवाचार करने के निर्देश प्रदान दिए गए।