हर सेंटर में थे ५० बच्चे
जिले के सभी २७ विद्यालयों में ५०-५० बच्चे अध्ययन करते थे। २७ विद्यालय के मान से लगभग एक हजार ३५० बच्चे सालाना लाभान्वित हो रहे थे। २००५ से लेकर नवंबर २०१६ तक विद्यालय सुचारू रूप से चले, लेकिन दिसंबर २०१६ में इन विद्यालयों को एकाएक बंद कर दिया गया। यहां पर कार्यरत ५७ शिक्षकों व २७ सहायिकाओं व अन्य कर्मचारियों को ३० नवंबर को नोटिस जारी कर कहा गया कि विशेष बालश्रम विद्यालय के लिए नया सर्वे हो रहा है, सर्वे कार्य पूर्ण होते की नया सेशन चालू होगा। ९ माह से अधिक का समय बीत चुका है और अबतक इन विद्यालयों के खुलने के आसार नहीं बने हैं।
इन बच्चों का होता था दाखिला
– आर्थिक रूप से कमजोर
– जो बच्चे पढ़ नहीं सकते थे
– पैरेंट्स मजदूरी के लिए बाहर जाते थे
– बेसहारा घूमते बच्चे
– भीख मांगने वाले बच्चे
– ड्राप आऊट बच्चे
इन योजना का मिलता था लाभ
– मुफ्त शिक्षा
– निशुल्क उपचार
– यूनीफार्म
– पाठ्य-पुस्तक
– मध्यान्ह भोजन
– जूते-चप्पल
– स्कालरशिप
– संस्कार
इन स्थानों पर खुले थे केंद्र
विशेष बालश्रम विद्यालय जिला मुख्यालय के गायत्री नगर, अधारकाप, रोशन नगर, विवेकानंद वार्ड, बरगवां, कुठला, माधवनगर, पुरैनी, भट्टा मोहल्ला, सहित अन्य स्थानों पर खुले थे। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के तेवरी, विजराघवगढ़ कारीतलाई में ०२, बड़वारा में ०२, बरही में ०२, बहोरीबंद में ०२, ढीमरखेड़ा ०२ विद्यालय संचालित थे।
फैक्ट फाइल
– २००५ में खुले थे ४० विशेष बालश्रम विद्यालय
– ब्रिज कोर्स के तहत होता था संचालन
– कलेक्टर की अध्यक्षता में एनजीओ करते थे संचालित
– २००९-१० में जोड़ा गया था मुख्य धारा से
– २००९ में सर्व शिक्षा अभियान में हुआ विलय
– २०१० में बचे थे २७ विद्यालय
– केंद्र और विदेशी फंड से हो रहा था संचालन
– तीन साल में बच्चों को किया जाता था शिक्षित
– सेमी गवर्मेंट की थी योजना
– ०१ दिसंबर २०१६ से हैं बंद
– अभी तक नहीं हुआ सर्वे
– ५७ शिक्षक व २७ सहायिका बेरोजगार
– जिले के बेसहारा बच्चे योजना से वंचित
– १२ एनजीओ कर रहे थे संचालन
– तीन साल बाद लीड स्कूल में होता था एडमिशन
– हर साल की १८२५ रुपए छात्रवृत्ति बंद
इनका कहना है
इस संबंध में श्रम अधिकारी से चर्चा की जाएगी। विशेष बालश्रम विद्यालय बंद होने की दशा में इन केंद्रों के बच्चों का लीड स्कूल में प्रवेश कराया गया है। समय-समय पर मिलने वाले बेसहारा, जरुरतमंद बच्चों को रेग्युलर विद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं।
विशेष गढ़पाले, कलेक्टर।