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अब नहीं कहें उफ ये गर्मी: अपनाएं यह खास ट्रिक, हीट स्ट्रोक को करें बॉय-बॉय

locationकटनीPublished: May 29, 2019 11:47:59 am

Submitted by:

balmeek pandey

भीषण गर्मी से बचाने के लिए रखें विशेष सावधानी, बच्चों का रखें विशेष ख्याल
 

Special measures to protect against heat stroke

Special measures to protect against heat stroke

कटनी. मई का महीना जैसे-जैसे जून की तरफ बढ़ रहा है सूरज का पारा सातवें आसमान पर चढ़ता दिख रहा है। धरती भी भट्टी की आग उगल रही है। ऐसी तेज धूप, अधिक तापमान और सूखी गरम हवाओं के मौसम में लू (हीट स्ट्रोक) लगने की कुछ ज्यादा ही संभावना बन जाती हैं। कई बार यह जानलेवा भी हो जाती हैं। इस मौसम में लू लगने पर दिखने वाले लक्षण, प्रभाव और उनसे बचने के उपायों के बारे में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. यशवंत ने उपाय सुझाये हैं। तेज गर्मी का असर सबसे पहले हमारे शरीर के बाहरी भाग यानी त्वचा पर पड़ता है। इसिलए हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे नुस्खे जिसे अपना कर आप अपनी त्वचा को इस तपती गर्मी में सुरक्षित रखने के साथ ही सेहत का भी ख्याल रख सकते हैं। गर्मी में नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनना चाहिए, ताकि हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे। धूप में अपने सिर को ठक कर रखिए ऐसे में लू लगने का खतरा कम रहता हैं, इसीलिए बाहर जाने से पहले छाता लेकर जाएं। शरीर के खुले हिस्से की त्वचा पर धूप में रहने के बाद नारियल तेल लगाएं, ताकि त्वचा नहीं झुलसे। अपनी त्वचा को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए अच्छी किस्म का सनस्क्रीन या लोशन इस्तेमाल करें, इससे आपका त्वचा नहीं झुलसेगी।

हीट स्ट्रोक के लक्षण
त्वचा का गरम, लाल और शुष्क हो जाना, पसीना न आना, तेज पल्स, उथली श्वांस, गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मन मचलाना, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, मूत्र न होना या इसमें कमी है। वहीं इससे के दुष्प्रभाव से उच्च तापमान से शरीर के आंतरिक अंगों, विशेषकर मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न होता है। हृदय के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न होता है। जो लोग एक या दो घंटे से ज्यादा समय तक 40.5 डिग्री सेल्सियस (105 डिग्री फारेनहाइट) या अधिक तापमान या गरम हवा में रहते हैं, तो उनके मस्तिष्क के प्रभावित होने की संभावना ज्यादा होती है।

हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय
– तेज धूप में निकलने से बचें, अगर निकलना जरूरी है, तो छाता लगा लें या टोपी पहन लें। इसके साथ ही ऐसे कपड़े पहनें जिससे शरीर अधिक से अधिक ढका रहे।
– हीट-स्ट्रोक से बचने के लिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर घर से निकलें और समय-समय पर पानी पीते रहें।
– डिहाइड्रेशन से बचने के लिए जरूरी है कि अधिक मात्रा में पानी, मौसमी फलों का जूस, गन्ने का रस, कच्चे आम का रस, ओआरएस घोल व नारियल पानी का उपयोग करें।
– हीट-स्ट्रोक का उपचार और फस्र्ट एड शरीर के उच्च तापमान को नियंत्रित कर 100 डिग्री फारेनहाइट तक रखने का प्रयास करें।
– मरीज को ठंडी जगह में रखें।, मरीज को ठंडी हवा करें तथा उसके शरीर को स्पंज या गीले कपड़े से पौंछें।
– मरीज के सिर पर बर्फ की पट्टी रखें जब तक कि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट न हो जाए।

इन बातों का भी रखें ध्यान
गर्मी में पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता हैं। गर्मी में लू से बचने के लिए कच्चे आम का शर्बत बहुत फायदेमंद होता है, इसलिए इसका सेवन जरूर करें। तेज धूप से वापिस आते ही ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। एसी से सीधे निकलकर बाहर धूप में नहीं जाना चाहिए। खाली पेट कभी भी धूप में बाहर नहीं जाएं। गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए और खाने में दही को जरूर शामिल करना चाहिए। गर्मियों में ज्यादा तेल मसाले वालो भोजन से बचना चाहिए जो की सीधे हमारे पाचन क्रिया पर सीधा प्रभाव डालते हैं।

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