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विश्व आवास दिवस पर विशेष: एमपी के इस जिले में 64 हजार परिवार के पास नहीं आशियाना, जानिये क्यों झुग्गी-झोपड़ी में कर रहे गुजारा

locationकटनीPublished: Oct 01, 2018 10:09:49 pm

Submitted by:

balmeek pandey

32 हजार को पीएम आवास से बंधी आस, 32 के हाथ फिर भी खाली

In papers: Every panchayat has a house

PM Awas targeted Achieve in Katni District

कटनी. हर किसी व्यक्ति का एक सपना होता है कि उसका एक सुंदर सा आशियाना हो…। इस सपने को पूरा करने के लिए उस व्यक्ति के पास संपन्नता होना नितांत आवश्यक है, यदि नहीं तो फिर उसे झुग्गी झोपड़ी में ही अपने परिवार के साथ गुजारा करना मजबूरी होती है। शासन-प्रशासन का कृपा प्रसाद मिल जाये वह अलग बात है। 1 अक्टूबर को पूरी दुनिया ‘विश्व आवास दिवसÓ मनाएगी। इसका मकसद है सिर्फ और सिर्फ ‘आवास मेरा अधिकारी हैÓ। लेकिन जिले में अब भी 64 हजार परिवार ऐसे हैं जिनके पास पक्का आशियाना नहीं हैं। 32 हजार की आस तो पीएम आवास योजना के तहत बंध गई है, लेकिन 32 हजार परिवार अभी भी ऐसे जरुरतमंद परिवार हैं, जिनकी हैसियत पक्का आवास बनाने की नहीं है। उन्होंने पीएम अवास के तहत सरकार से गुहार लगाई है कि हमें भी आवास की सुविधा देकर झुग्गी-झोपड़ी से निजात दिलाई जाए। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद तमाम आवास योजनाएं चलीं, लेकिन गरीबों के सपने अभी भी सपने बने हुए हैं। विश्य आवास दिवस इस दिन का मूल उद्देश्य मानवता के मूल अधिकार की पहचान करने और उन्हें पर्याप्त आश्रय देना था। इसके अलावा गरीबी को समाप्त करने और उसमें सुधार करने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करना है। पहली बार यह दिवस वर्ष 1986 में आयोजित किया गया था, लेकिन अभी भी जिले में डे का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया।

यह है आवासों की स्थिति
विभागीय आंकड़ों के अनुसार पीएम आवास से लोगों के इस सपने पूरे होने का आंस बंधी है। अभी तक जिलेभर में 22 हजार पीएम आवास कंपलीट हो गए हैं। इसमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को छत नसीब हो गई है। हाल ही में जिले के 34 हजार लोगों ने पंजायती राज विभाग में यह आवेदन दिया है कि उनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं हैं। इसमें से 32 हजार फेयर पाए गए हैं। जिन्हें योजना में शामिल करने जिला प्रशासन ने प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया है। 2011 के सर्वे सूची के अनुसार 32 हजार निर्माण कराये जाने है। ये कबतक कंपलीट हो जाएंगे यह अता-पता नहीं है।

पूर्व की योजनाओं ने किया निराश
हर गरीब और जरुरतमंद को आवास मिले इसके लिए कटनी जिले में इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, फारेस्टर राइट एक्ट, आवास उन्नययन योजना चलाई गई, लेकिन मु_ीभर लोगों को ही आवास का लाभ मिला पाया। इसमें अधिकांश मामले हैं जिनका आज तक आशियाना पूरा नहीं हो पाया। किसी को किश्त नहीं मिली तो किसी ने रुपए लेकर यहां-वहां खर्च कर दिए।

इनका कहना है
पहले आवासों का आवंटन बहुत कम मिलता था। दो लाख परिवार के बीच लगभग एक हजार आवास मिलते थे, राशि भी बहुत कम होती थी, जिससे आवास बनाना मुश्किल काम होता था। अब पीएम आवास में पर्याप्त राशि मिल रही है। आवांटन भी बहुत मिल रहा है। इसकी गति से स्वीकृति मिली तो शीघ्र ही हर जरुरतमंद के पास पक्का आशियाना होगा।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।

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