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इस जिले में सामान्य से एक बच्चा अधिक जन्म दे रही महिला, प्रजनन दर रोकने स्वास्थ्य विभाग की सामने बाई बड़ी बेपरवाही

locationकटनीPublished: Mar 28, 2019 11:47:42 am

Submitted by:

balmeek pandey

वित्तीय वर्ष के महज तीन दिन शेष, 67 फीसदी लक्ष्य ही हो पाया पूरा, विभाग की बड़ी बेपरवाही उजागर

Sterilization not completed target in katni

Sterilization not completed target in katni

कटनी. प्रदेश के 13 जिले ऐसे हैं जिसमें प्रजनन दर सामान्य से अधिक हो गया है, इसमें कटनी भी शामिल है। इस असंतुलन को रोकने के लिए जिले में परिवार कल्याण सहित विशेष मिशन विकास योजना लागू हुई है, लेकिन दोनों ही योजनाएं जिले में दम तोड़ती नजर आ रही हैं। परिवार नियोजन के तहत एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 19 तक 10 हजार 500 नसबंदी ऑपरेशन का लक्ष्य पूरा करना था। वित्तीय वर्ष के मात्र तीन दिन का समय शेष बचा है और विभाग मात्र 67 फीसदी लक्ष्य ही पूरा कर पाया है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएमएचओ, डीपीएम, नोडल अधिकारी, बीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कितने गंभीर है। एमआर, पोलियो, दस्तक आदि अभियानों का ठीकरा फोड़ते हुए टारगेट पूरा न होने की दुहाई दे रहे हैं। बता दें कि जिले में 49 वर्ष तक की महिला अपने प्रजनन वाले जीवनकाल में औसतन तीन बच्चे को जन्म दे रही है, जबकि प्रजनन 2.1 ही होना चाहिए। बता दें कि जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग प्रति शनिवार तो अन्य दिनों में ब्लॉक में नसबंदी कैंप का आयोजन करता रहा है, लेकिन इन शिविरों में नसबंदी के लिए आए महिला-पुरुषों को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। कभी डॉक्टर देरी से पहुुंचते हैं, तो कभी पहुंचते ही नहीं। कभी लक्ष्य दंपतियों को बिछाने व ओढऩे के लिए बिस्तर नहीं मिले, लेकिन इन अव्यवस्थाओं पर किसी का कोई ध्यान नहीं गया।

पुरुषों ने नहीं दिखाई रुचि
जिले में राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम में जमकर गफलत की जा रही है। परिवार नियोजन के लक्ष्य को महिलाओं के भरोसे पूरा करने आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है। किसी भी ब्लॉक में पुरुष नसबंदी का 10 प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका है। जिलेभर में एक वर्ष में महज 37 एनएसवी किए गए। परिवार कल्याण कार्यक्रम में लापरवाही को स्वास्थ्य महकमे की रिपोर्ट खुद ही उजागर कर रही है। महकमे के जिम्मेदार भी लापरवाही पर कार्रवाई करने की बजाय उल्टे पर्दा डाल रहे हैं।

खास-खास:
– महिला हितग्राही को दो हजार, पुरुष को तीन हजार, प्रेरक को 300-400 प्रोत्साहन राशि बढऩे के बाद भी नहीं सार्थक परिणाम।
– अंतरा में महज 1101, छाया प्रोग्राम में 318 महिलाओं को ही किया गया है लाभान्वित।
– एलटीटी सहित टैंपरेटी मैथड में स्वास्थ्य विभाग नहीं कर पाया हितग्राहियों को जागरुक।

यह है जिले में परिवार नियोजन की स्थिति
ब्लॉक टारगेट लक्ष्यपूर्ति
जिला अस्पताल 985 393
कन्हवारा 2020 969
विजयराघवगढ़ 1710 938
रीठी 1035 701
बहोरीबंद 1615 1051
उमरियापान 1445 828
बरही 845 604
बड़वारा 845 468
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योग 10500 6381
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निजी अस्पताल भी दिखा रहे ठेंगा
स्वास्थ्य महकमे के निर्देश को जिले के निजी चिकित्सा संस्थान भी ठेंगा दिखा रहे हैं। निजी अस्पतालों की मनमनी का आलम यह है कि सालभर में एनएसवी का महज एक ऑपरेशन भी नहीं किया गया। 529 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए हैं। जिम्मेदार राष्ट्रीय कार्यक्रम में निजी संस्थानों का लक्ष्य तय नहीं कर पाए हैं।

इनका कहना है
परिवार नियोजन के टारगेट को पूरा करने प्रयास किया गया है। कमी कहां पर रह गई इसकी विशेष समीक्षा की जाएगी। बेपरवाहों पर कार्रवाई भी करेंगे। जिले के लोगों को ऑपरेशन के जागरुक करने भी प्रयास किया जाएगा।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

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