8 जनवरी को इसके निरीक्षण पर पहुंचे कलेक्टर एसबी सिंह ने 26 जनवरी तक निर्माण पूरा करने की बात कही थी। कलेक्टर के निर्देश को ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों नें गंभीरता से नहीं लिया। निर्देश के 29 दिन बाद 5 फरवरी तक निर्माण पूरा नहीं होने के बाद धान का ईंट के उपर भंडारण करने की नौबत आई। अब जिम्मेंदार विभाग के अधिकारी इस बेपरवाही पर बैकफुट पर हैं। ईंट के ऊपर धान भंडारण कर फौरन पॉलीथीन से ढंकने के निर्देश दिए हैं।
बहोरीबंद में चल रहे ओपन कैप निर्माण में ठेकेदार 30 मीट्रिक टन क्षमता का ओपन कैप समय पर तैयार नहीं कर सका है। इधर 50 हजार क्षमता का ओपन बनाने की बात कलेक्टर ने कही है। बताया जा रहा है कि निर्माण में लापरवाही पर अब विभाग के कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है।
जिलेभर में 2 लाख 57 हजार मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान की खरीदी हुई है इस सीजन समर्थन मूल्य पर। इसके लिए धान खरीदी के 61 केंद्र बनाए गए, भंडारण के लिए उचित इंतजाम नहीं होने के कारण कई खरीदी केंद्रों में खुले में धान पड़ा है। 38 हजार मीट्रिक टन धान भंडारण के लिए जगह की कमी है। इसमें से कटनी, बरही और मुहास मंडी में धान भंडारण के निर्देश एक सप्ताह पहले कलेक्टर ने दिए थे।
इंतजाम नहीं होने से पूरे अनाज का भंडारण नहीं हुआ। ईंट के उपर लगभग 10 हजार मीट्रिक टन धान भंडारित करने की तैयारी है। बारिश होने पर धान के खराब होने की आशंका है। स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन के डीके हवलदार बताते हैं कि बहोरीबंद में ओपन कैप निर्माण में ठेकेदार ने लापरवाही बरती है। इस मामले में कार्रवाई के बारे में रीजनल मैनेजर और इंजीनियर को ज्यादा जानकारी होगी।