कटनी

जेल में लगने लगे इस देवी के जयकारे, जेलर ने उठाया यह कदम

जेल में बंद था पंडा, द्वितीया तिथि में बोये जाते हैं जवारे, दशरमन गांव की महादेवी माता मंदिर में विविध आयोजन

कटनीApr 08, 2019 / 11:13 am

balmeek pandey

Story of Mahadevi Dham dasharman village

कटनी/ढीमरखेड़ा. देशभर में चैत्र नवरात्रि पर जवारे बोने की परंपरा बैठकी के दिन प्राय तौर पर गांव-गांव स्थित देवी मंदिर में की जाती है, लेकिन ढीमरखेड़ा तहसील मुख्यालय से तकरीबन 16 किलोमीटर दूर ग्राम दशरमन स्थित महादेवी धाम में पूर्व समय में पंडा बैठकी के दिन जेल में था। बैठकी के दूसरे दिन माता रानी की कृपा से जेल से छूटने पर महादेवी मंदिर में जवारे बोए गए थे। उसी परंपरा के चलते आज भी महादेवी धाम में बैठकी के दूसरे दिन पंडा के द्वारा जवारे बोए जाते हैं। इस संबंध में महादेवी सेवा समिति अध्यक्ष पंडित रमेश गर्ग ने बताया की महादेवी माता मंदिर का इतिहास ब्रिटिश शासन काल से है। यहां पूर्व में लल्लूराम नामक पंडा थे जो मंदिर निर्माण के दौरान सागौन की बल्लियों को लेकर जेल चले गए थे। उस समय भी चैत्र नवरात्र का समय था बैठकी की रात से ही माता की शक्तियों के कारण पूरे जेल में हलचल होना शुरू हुई। कैदियों सहित जेल पुलिस भी जय महदेइ जय महदेइ के जयकारे लगाने लगे जिसको लेकर सिहोरा जेल के जेलर के द्वारा दूसरे दिन पंडा को मंदिर में छोड़ा गया तब से लेकर आज तक महादेवी धाम में बैठकी के दिन जवारे नहीं बोये जाते।

चली आ रही पुरानी परंपरा
बैठकी के दूसरे दिन पुरानी परंपरा के अनुसार जवारे बोए जाते हैं। बुजुर्ग बताते हैं माता सिला के रूप में विराजमान हैं। पहले सिला 5 से 6 फीट की दिखती थीं और वर्तमान में 25 से 26 फीट की शिला हो गई, जिससे ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर साल आकार बढ़ता है। महादेवी का कद यहां दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं इस स्थान में मनोकामना मांगने से सैकड़ों लोगों की नौकरी औलाद रोजगार में तरक्की और अस्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ होकर लौटा है मंदिर प्रांगण में 1972 बसंत पंचमी के अवसर से लगातार मेले का आयोजन भी किया जाता है सिला में आज भी दूध और खून की धार और शेर और गाय के पैर के निशान भी स्पष्ट नजर आते हैं जिसको लेकर भक्तों में माता की शक्ति के प्रति आस्था का केंद्र इस वर्ष भी द्वितीया तिथि रविवार को जवारे बोये गये। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

देवी मंदिरों में गूंज रहे जयकारे
चैत्र नवरात्र पर स्लीमनाबाद सहित आसपास के क्षेत्र के देवी मंदिरों में मातारानी के जयकारे गूंज रहे हैं। मंदिरों में सुबह से श्रद्धालु मातारानी को जल अर्पित करने के साथ ही चुनरी प्रसाद अर्पित कर कल्याण की कामना में जुटे हैं। घरों व मंदिरों में देवी गीतों की धूम के बीच पर्व में सुबह से लेकर देर शाम तक आयोजन किए जा रहे हैं। स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी मंदिर, काली माता मंदिर, चंडी माता मंदिर, शारदा मंदिर व खेरमाई मंदिर में पूजन के साथ ही कलश स्थापना भी की गई। क्षेत्र के तिंगवा स्थित शारदा माता का मंदिर की मान्यता अधिक है और यहां नवरात्र पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। खडरा स्थित मां काली मंदिर में भी नवरात्र पर घट स्थापना, ज्योति कलश की स्थापना बैठकी में की गई। मंदिरों में नौ दिन पूजन का क्रम चलेगा और अंतिम दिन ढोल-नगाड़ों के साथ जवारों का जुलूस निकाला जाएगा।

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