घर की ठीक नहीं माली हालत
महिमा के घर की माली हालत ठीक नहीं हैं। पिता रामेश्वर ने बताया कि 2 अगस्त 2006 में उन्हें संविदा शिक्षक की नियुक्ति मिली थी, लेकिन अप्रैल 2012 में नियुक्ति रद्द हो गई। रामेश्वर अब पठरा हाइस्कूल में अतिथि शिक्षक हैं। इतना ही नहीं वह दिव्यांग भी है। रामेश्वर का कहना है कि बेटी इंजीनियर बनना चाहती है। बेटी के इस मनोबल को आगे बढ़ाने वे प्रयासरत रहेंगे।
देश के दुश्मनों को लड़ाकू विमानों से सिखाना है सबक…
प्रतिभाएं किसी अभाव के कारण कभी दम नहीं तोड़तीं बल्कि प्रतिभा के सामने समस्याएं घुटने टेक देती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिले के गुदड़ी के लाल ने। छोटे से गांव भदौरा नं. 1 में रहने वाले हरिशंकर यादव पिता दिलीप कुमार ने। जिन्होंने गांव के ही शासकीय हाइस्कूल में दाखिला लेकर अध्ययन किया है। कक्षा 10वीं में 484 अंकों के साथ जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। घर की माली हालत खराब होने के बाद भी विशम परिस्थितियों में भी अपने आप को कमजारे नहीं होने दिया और बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का मान बढ़ाया है। पत्रिका से चर्चा के दौरान हरिशंकर ने कहा कि प्रतिदिन ढाई बजे रात से उठकर पढ़ाई की है। पढ़ाई करने के बाद एक ही सपना है कि पायलट बनकर विमान चलाते हुए देश के दुश्मनों को सबक सिखाऊं। हरिशंकर ने कहा कि मां सुहद्री बाई व पिता दिलीप कुमार मजदूरी करते हैं। दोनों ने मेरी पढ़ाई की अहमतियत समझी और हर समय हौंसला बढ़ाया। स्कूल शिक्षकों ने भी भरपूर सहयोग किया है।
किसान की बेटी ने मारी बाजी, एयरफोर्स में उड़ाना है विमान
कक्षा 10वीं बोर्ड रिजल्ट में कटनी जिले से टॉप-5 बच्चों की सूची में सभी बच्चे गांव से हैं। गांव के बेटे और बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिसमें बहोरीबंद की बेटी की शामिल है। बहोरीबंद से 9 किलोमीटर दूर हथियागढ़ निवासी काजल पिता विजय सिंह ठाकुर 97 प्रतिशत अंक लाकर कक्षा दसवीं में जिले में जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। छोटे से किसान की बेटी ने जिले का मान बढ़ाया है। सवा एकड़ जमीन के किसान की बेटी प्रतिदिन बस से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बहोरीबंद पढऩे जाती थी और सबसे अच्छी बात यह की वो बगैर कोचिंग के यह सफलता हासिल की है। अपनी पढ़ाई का श्रेय उसने अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। पत्रिका से चर्चा के दौरान बेटी काजल ने कहा कि एयर फोर्स में पायलट बनने की इच्छा है। काजल की सफलता से पूरे घर में खुशी का माहौल है। बेटी की इस सफलता से परिजनों, रिश्तेदारों व गांव के लोगों में खुशी का माहौल और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
जिस दुकान में देवा करता है काम, वहां पहुंचकर बहन ने बताया भाई, तूने जिले में किया है टॉप
संसाधनों से जूझते छात्रों ने अपनी मेहनत के बदौलत शानदार प्रदर्शन किया है। टॉपरों में कोई किसान का बेटा है तो कोई मजदूर व वॉचमैन का तो किसी ने खुद ही मजदूरी कर अपनी पढ़ाई पूरी की है। जिले में बारहवीं की परीक्षा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बिलहरी के छात्र देवा यादव पिता लखन यादव ने मान बढ़ाया है। कला संकाय में 500 में 448 नंबर आए हैं। देवा की कहानी काफी मार्मिक है। वह आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए एक जनरल स्टोर में काम करता है। रिजल्ट आया तो वह दुकान में काम के लिए ही गया हुआ था। आर्थिक रूप से कमजोर देवा को लगता था कि रिजल्ट के बाद आगे की पढ़ाई करनी है। उससे पहले कुछ पैसा जमा कर लें तो कोई रुकावट नहीं आएगी। देवा के पिता भी मजदूर ही हैं। इसलिए परिवार को रुपयों की जरूरत थी। देवा पढ़ाई के साथ-साथ दुकान में भी काम करने जाता था। कैम्प के पास स्थित निजी दुकान में काम रहे देवा को रिजल्ट की जानकारी देने उसकी बहन योति वहां गई। बहन ने दुकान में जाकर भाई को बताया कि भाई तुम्हारा रिजल्ट आ गया है। तूने जिले में टॉप किया है। उसके बाद बहन वहीं भाई से लिपट गई। देवा के आंखों में आंसू छलक आए। देवा ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि आगे की पढ़ाई जारी रखनी है, इसलिए काम करना जरूरी है। देवा की रिजल्ट से गांव में भी खुशी का माहौल है। लोग वहां भी जश्न मना रहे हैं। देवा के पिता मजदूरी करते हुए बच्चों को सही दिशा में देने में सफल साबित हुए हैं। देवा ने बताया कि लोगों कि सेवा करना ही पहला काम हैं। समय के साथ आगे भी पढ़ाई में लगा रहूंगा जिससे मैं आगे कुछ अच्छा कर सकूं।
चौकीदार के बेटे ने मैरिट सूची मैं हासिल किया तीसरा स्थान
कक्षा 12 वीं विज्ञान संकाय से स्लीमनाबाद के ग्रेस मिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्र आदर्श दुबे ने कटनी जिले की मैरिट सूची में तीसरा स्थान हासिल किया। 463 अंक हासिल किए हैं। आदर्श दुबे ने बताया कि उनके पिता शिवकुमार दुबे मार्बल कंपनी में चौकीदार हैं और परिवार की स्थिति भी ठीक नहीं है। पढ़ाई के लिए उन्हें पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इसके बाद भी मैं मन लगाकर पढ़ाई करता हूं। आदर्श दुबे ने बताया कि पढऩे का कोई क्रम नहीं है। वो कभी एक घंटे भी पढ़ते थे तो कभी 6 घंटे लगातार पढ़ाई करते हैं। उन्होंने कहा कि अब मैं आगे इंजीनियर बनना चाहता हूं। उन्होंने अपनी पढ़ाई श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। शिक्षकों के योगदान पर उन्होंने कहा- मेरे शिक्षकों ने हमेशा मेरा साथ दिया। बेटे की सफलता पर मां भावुक हों गईं। उन्होंने कहा कि सुबह से बच्चे खुश थे कि रिजल्ट आने वाला है पर हमें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी खुशी आएंगी। बच्चे की आगे की पढ़ाई और सपने के बारे में उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं पर हमारे घर में बहुत परेशानियां हैं। आगे की पढ़ाई कैसे होगी मुझे नहीं मालूम। शिवकुमार दुबे को जैसे ही पुत्र की खुशखबरी मिली वैसे काम छोड़ घर पहुंचे व पुत्र को शुभाशीष दिया।
बरही के होनहारों ने भी मारी बाजी
एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं में बरही क्षेत्र के हानहारों ने भी उम्दा प्रदर्शन किया है। एक छात्रा ने विज्ञान संकाय में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं दो छात्रों ने साइंस संकाय में ही प्रथम और तीसरा स्थाने में सफल रहे हैं। बरही नगर के कपड़ा व्यापारी राम गोपाल अग्रवाल की नातिन त्रिवेणी अग्रवाल की पुत्री जागृति अग्रवाल कक्षा बारहवीं में जिले में दूसरा स्थान बनाया है। जागृति आइएएस अफसर बनने का ख्वाब संजोया है। जागृति ने नगर सहित पूरे कटनी जिले का नाम रोशन किया है। वही सरस्वती स्कूल का छात्र अभिषेक पिता ब्रजेश मिश्रा एक किसान का बेटा है जिनके पिता है रात दिन किसानी का काम करते हैं आज किसान का बेटा बरही नगर सहित पूरे जिले में अपना नाम रोशन किया है। अभिषेक से विज्ञान समूह में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रवीण पिता रामभूषण निवासी ग्राम बेल्दी जिला उमरिया निवासी किसान बच्चे के पिता खेती करते हैं। उन्होंने भी तीसरा स्थान विज्ञान संकाय में बनाया है।