scriptभवन बनने के बाद भी छात्राओं को नहीं मिलेगी रहने की सुविधा, जानिए क्यो | Students will not get the facility of living | Patrika News

भवन बनने के बाद भी छात्राओं को नहीं मिलेगी रहने की सुविधा, जानिए क्यो

locationकटनीPublished: Jun 30, 2018 12:21:13 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

आइटीआइ कॉलेज प्रबंधन स्थानीय विधायक से भी लगा चुका हैं गुहार
 

iti

iti

कटनी. एनकेजे स्थित शासकीय आइटीआइ परिसर में 2 करोड़ रुपये के अधिक की लागत से बने बालिका छात्रावास में छात्राओं को रहने की सुविधा नहीं मिलेगी। करोड़ों रुपये की लागत से कॉलेज में बना यह भवन बेकार साबित हो जाएगा। इधर, कर्मचारी की कमीं के कारण छात्राओं को छात्रावास की सुविधा न दें पाने के कारण आइटीआइ कॉलेज प्रबंधन ने स्थानीय विधायक संदीप जायसवाल से भी गुहार लगाई है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

शहर के एनकेजे क्षेत्र में संचालित सरकारी आइटीआइ कॉलेज में दूर-दराज से छात्राएं पढ़ाई करने आती है। छात्राओं को कॉलेज परिसर में ही रहने की सुविधा मिल जाए, इसके लिए तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग ने २ करोड़ रुपये की अधिक की लागत से 60 सीटर वाले छात्रावास का निर्माण कराया। डेढ़ माह पहले स्थानीय विधायक द्वारा छात्रावास का लोकार्पण किया गया। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन को छात्राओं को रहने के लिए छात्रावास की सुविधा देना था, लेकिन महिला कर्मचारी की कमीं व छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छात्रावास नहीं दिया जा रहा है।

इनका कहना है
वार्डन नहीं होने के कारण छात्राओं को छात्रावास में रहने की सुविधा नहीं दी जा रही है। बालिका छात्रावास के लिए आइटीआइ कॉलेज प्रबंधन के पास महिला कर्मचारी नहीं है। इस संबंध में स्थानीय विधायक को भी अवगत कराया गया है।
आरपी परौहा, अधीक्षक, आइटीआइ।
………………………….
इधर,
कॉलेज के छात्र प्रतिनिधि कार्यवाहक कहलाएंगे कल से
जिलेभर के 10 सरकारी व2 अनुदान प्राप्त कॉलेजों में हुआ था छात्रसंघ चुनाव,8 माह का रहा कार्यकाल
कटनी. छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से राजनीति का ककहरा सीखने वाले छात्र प्रतिनिधियों का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो जाएगा। इनका कार्यकाल 8 माह का रहा। अब जब तक चुनाव नहीं होता है तब तक वे कॉलेज में कार्यवाहक के रूप में रहकर कार्य करेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकारी कॉलेजों में कई साल बाद छात्रसंघ चुनाव हुए थे। इसमें कई छात्रों को राजनीतिक में कदम रखने का मौका मिला था। जिले में संचालित 10सरकारी व 2 अनुदान प्राप्त कॉलेजों में चुनाव में चुनाव हुए थे। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सहसचिव व कक्षा प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होकर कार्य कर रहे थे। 2 जुलाई से कॉलेजों में नवीन शिक्षण सत्र शुरू हो जाएगा। नियम के मुताबिक नवीन शिक्षण सत्र के शुरू होते ही छात्रप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त माना जाता है। ऐसे में अब जिलेभर के सभी कॉलेजों के पदाधिकारी कार्यवाहक कहलाएंगे।
इनका कहना है
नए शिक्षण सत्र से छात्रप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। नया चुनाव होने तक ये प्रतिनिधि कार्यवाहक के रूप में रहेंगे।
डॉ. सुधीर खरे, प्राचार्य।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो