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पहली दो गलती करने पर कटेगा वेतन, तीसरी बार में सुपरवाइजर होंगीं सस्पेंड, इस कलंक से निपटने हो रही खास पहल

locationकटनीPublished: Apr 26, 2019 11:37:27 am

Submitted by:

balmeek pandey

जिले के सात एनआरसी केंद्र हुए फुल, कुपोषित बच्चों का शुरू हुआ विशेष उपचार,कलेक्टर के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने किया निरीक्षण

Supervisor will be suspended on negligence in treatment of children

Supervisor will be suspended on negligence in treatment of children

कटनी. जिले में कुपोषण की स्थिति अब भी भयावह है। स्थिति यह है कि 20 हजार 842 बच्चे कम वजन और 2 हजार 277 बच्चों का वजन अतिकम हैं, याने कि वे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। इन बच्चों की लाइन लिस्टिंग कर पोषण पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से सुपोषित किया जाना था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग की बेपरवाही से सिर्फ सुपोषित करने में औपचारिकता की जा रही थी। बढ़ते कुपोषण और जिले के प्रदेश में 35वें स्थान पर होने जैसी गंभीर स्थिति को पत्रिका ने 17 अप्रैल के अंक में ‘जिले में 23 हजार बच्चे कुपोषित, एनआरसी में उपचार मात्र 45 का’ नामक शीषक से समस्या उजागर की। इस मामले को कलेक्टर ने संज्ञान में लिया और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विकास अधिकारी को विशेष निर्देश दिए। इसके लिए विभाग ने खास एक्शन प्लान तैयार किया है। भी जिम्मेदारों को गंभीरता से काम कर बच्चों को सुपोषित करने अभियान शुरू किया है। आलम यह है कि अब हर केंद्र में क्षमता से अधिक कुपोषित बच्चों का इलाज शुरू हो गया है। इस मामले में सुपरवाइजों को खास हिदायत दी गई है। सुपरवाइज को एक माह के अंदर दो बच्चों कुपोषित बच्चों को ठीक कराना होगा। न करने की स्थिति में पहली दो गलती पर वेतन कटेगा और तीसरी गलती पर सस्पेंड करने की कार्रवाई होगी।

यह है केंद्रों की स्थिति
जिले के सात एनआरसी केंद्र की क्षमता प्रतिमाह 160 बच्चों को भर्ती करने की है। विशेष अभियान के तहत अब प्रथम पखवाड़े के लिए 88 बच्चों का उपचार शुरू हो गया है। जिला अस्पताल के एनआरसी में 20 बच्चों के एवज में 21 बच्चे, बड़वारा में 10 की जगह 11, बहोरीबंद में 10 की जगह 10, पानउमरिया में 10 की जगह 11, बरही में 10 की जगह 11, रीठी में 10 की जगह 12 बच्चे व विजयराघवगढ़ में 10 की जगह 12 बच्चे भर्ती हुए हैं। 14 दिन में ठीक होने के बाद अगले 80 बच्चों का एडमिशन होगा।

खास-खास:
– 3 हजार से अधिक कम वजन के हैं बच्चे।
– 2 हजार से अधिक बच्चे अति कुपोषित हैं।
– हेल्थ की रिपोर्ट में 70 प्रशित बच्चे हो रहे ठीक।
– जिलेभर में 63 सुपरवाइजर हैं कार्यरत।

इनका कहना है
सभी सुपरवाइजरों और विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को कुपोषण दूर करने में फोकस करने निर्देश दिए गए हैं। सभी एनआरसी केंद्रों में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया गया है। कोताही बरतने पर प्रथम दो गलती में सुपरवाइजरों का वेतन कटेगा और तीसरी गलती पर सस्पेंड कर दी जाएंगी। सभी बच्चों को शीघ्र सुपोषित किया जाएगा।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग।

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